मध्य प्रदेश के मंदसौर में जारी हिंसा अब थोड़ा थमने लगा है. अब हालात सामान्य होता देख जिला प्रशासन ने कुछ इलाकों में कर्फ्यू में ढील देने का फैसला किया है, हालांकि इस दौरान AAP नेताओं सहित किसी भी बाहरी व्यक्ति को मंदसौर में प्रवेश पर रोक लगा रखा गया है.
मंदसौर के पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह ने कहा, जिले के चार थाना क्षेत्रों में लगे कर्फ्यू में सुबह 10 बजे से शाम छह बजे तक ढील दी जाएगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पूरे जिले में निषेधाग्या लागू है और किसी भी बाहरी व्यक्ति का प्रवेश निषेध है.
बता दें कि मंदसौर में बीते मंगलवार को पुलिस फायरिंग में पांच किसानों की मौत के बाद से मालवा के सात जिलों तक हिंसक विरोध प्रदर्शन फैल गया था. पुलिस इस हिंसा के संबंध में कम से कम 156 लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि 100 से ज्यादा को हिरासत में लिया गया है. सिंह ने कहा, हम किसानों के साथ हैं, लेकिन जो दोबारा हिंसा शुरू करेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. वहीं मंदसौर के डीएम ओपी श्रीवास्तव ने बताया कि स्थिति में सुधार हुआ है और कहीं से किसी अप्रिय घटना की रिपोर्ट नहीं है. उन्होंने बताया कि एटीएम चालू हैं और दूध तथा सब्जियों की आपूर्ति में सुधार हुआ है, लेकिन इंटरनेट सेवा बहाल होने में अभी वक्त लगेगा. प्रशासन प्रदर्शन के दौरान जली दुकानों और वाहनों की संख्या की रिपोर्ट तैयार कर रहा है और उन्हें चेक के जरिये मुआवजा दिया जाएगा.
वहीं दिल्ली की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (AAP) के भगवंत मान, आशुतोष और संजय सिंह समेत कई नेता किसान आंदोलन स्थल जाने की योजना बना रहे हैं. इस पर पुलिस अधिकारी ने कहा कि AAP नेताओं ने अगर जिले में घुसने की कोशिश की, तो उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा. वहीं AAP का कहना है कि वे 10 जून से वे किसानों के हक में देश भर में प्रदर्शन करेंगे.
पीएम की चुप्पी पर AAP का सवाल
आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता संजय सिंह ने मंदसौर में किसानों के गुस्से की तरफ दिलाते हुए कहा कि महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में किसानों के आंदोलन का कारण केंद्र और राज्य सरकारों की किसानों के प्रति 'उदासीनता' है. सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, 'यूरोप, अफगानिस्तान या पाकिस्तान में अगर कोई छोटी सी घटना भी होती है, तो दुनिया में इस पर ट्वीट करने वाले पहले शख्स हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी होते हैं. वह सबसे पहले इन पर बोलते हैं, लेकिन, उन्होंने किसानों की मौत पर एक शब्द भी नहीं बोला.'
वरिष्ठ आप नेता ने कहा कि एक तरफ किसानों को गोली मार दी गई और दूसरी ओर देश के कृषिमंत्री सलाह देते हैं, 'योग करो, सब कुछ ठीक हो जाएगा.' AAP नेता ने कहा कि बीजेपी योग के सहारे देश में होने वाली हर चीजों से ध्यान हटाने की कोशिश कर रही है.
हिरासत में लिए गए राहुल
इससे पहले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी मृत किसानों के परिवार से मिलने गुरुवार को मंदसौर आ रहे थे , लेकिन पुलिस ने उन्हें रास्ते में नीमच के पास ही हिरासत में ले लिया. इलाके में खराब हालात के मद्देनजर प्रशासन ने दौरे की इजाजत नहीं दी थी, लेकिन इसके बावजूद राहुल किसान परिवार से मुलाकात पर अड़े हुए थे.
मंदसौर जिला प्रशासन की इजाजत न मिलने पर राहुल, जनता दल यूनाइटेड के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव के साथ हवाई जहाज से उदयपुर पहुंचे और फिर वहां से सड़क के रास्ते मंदसौर के लिए निकल पड़े. इस दौरान उन्होंने पुलिस को चकमा देने के लिए थोड़ी दूर बाइक की भी सवारी की. हालांकि राजस्थान-मध्य प्रदेश सीमा पर स्थित नीमच पहुंचते ही पुलिस ने राहुल को घेर लिया और उन्हें एहतियाती हिरासत में ले लिया.
'मोदी सरकार किसानों को देती है गोली'
राहुल ने गिरफ्तारी से पहले संवाददाताओं से बातचीत में मोदी सरकार पर किसानों की अनदेखी का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, 'केंद्र की मोदी सरकार देश के सबसे अमीरों के डेढ़ लाख करोड़ रुपये का कर्ज माफ कर सकती है, लेकिन किसानों का नहीं. किसानों के कर्ज माफ नहीं करती, उन्हें फसल के सही दाम नहीं देती. मोदी सरकार किसानों को बस गोली देती है.'
सरकार ने कुबूली पुलिस फायरिंग की बात
बता दें कि मध्य प्रदेश में 1 जून से किसानों का आंदोलन चल रहा है. इस बीच मंगलवार को पुलिस फायरिंग में पांच किसानों की मौत ने किसानों के गुस्से को और भड़का है. शुरुआत में पुलिस ने फायरिंग की खबरों से इनकार किया था और कहा था कि उपद्रवियों की गोलीबारी में किसानों की मौत हुई थी. हालांकि अब पुलिस और राज्य सरकार ने पुलिस की तरफ फायरिंग की बात कुबूल ली है. मध्य प्रदेश ने केंद्र को भेजी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जब किसान सरकारी संपत्तियों की तोड़फोड़ और आगजनी करने लगे तो पुलिस को उन्हें काबू में करने के लिए फायरिंग करनी पड़ी थी.
इससे पहले शाजापुर कृषि मंडी में गुरुवार को प्याज खरीद शुरू होने से नाराज किसानों ने एक ट्रक और चार मोटर साइकिलों में आग लगा दी. इसके साथ ही आंदोलनकारियों ने अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व (एसडीएम) राजेश यादव से मारपीट भी की, जिससे उनके पैर की हड्डी टूट गई. इसी तरह देवास में एक ट्रक को उपद्रवियों ने आग लगा दी. इस बीच बढ़ती हिंसा के चलते भोपाल-इंदौर मार्ग पर बसों की आवाजाही बुरी तरह प्रभावित हुई है.