टीडीपी सांसद एन शिवाप्रसाद बुधवार को कपड़ों की गठरी कंधे पर लादे हुए संसद भवन पहुंचे. आज वह अपना विरोध जताने के लिए धोबी की वेशभूषा रखकर संसद आए थे. उन्होंने टीडीपी पार्टी का झंडा भी अपने साथ ले रखा था.
टीडीपी सांसद लगातार आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर संसद के भीतर और बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं. लोकसभा में आज टीडीपी सांसद ने केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस भी दिया था लेकिन हंगामे की वजह से यह प्रस्ताव सदन में रखा नहीं जा सका. सुबह से ही टीडीपी सांसद गांधी प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
चित्तुर से सांसद शिवाप्रसाद मंगलवार को कथावाचक के रूप में संसद भवन पहुंचे थे. पुराने वक्त में जब टीवी और सिनेमा का अविष्कार ही नहीं हुआ था तब ऐसे कलाकार गांव-गांव जाकर कहानियों के जरिए लोगों का मनोरंजन करते थे.
रोज रखते हैं नया अवतार
सांसद शिवाप्रसाद का कहना है रोज नए-नए अवतारों में संसद भवन आने के पीछे एक मसकद है. उन्होंने बताया कि वह आंध्र प्रदेश के उस वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं जो कहानी और कला के जरिए अपनी बात कहते आए हैं. शिवाप्रसाद का कहना है कि आंध्र में ऐसे कलाकारों के 17 लाख परिवार हैं. उन्होंने कहा कि अपनी बात पहुंचाने का यही एक तरीका है ताकि असरदार तरीके से होकर हमारी मांग सरकार तक पहुंचाई जा सके.
बजट सत्र के चर्चित सांसद
मौजूदा बजट सत्र में शिवाप्रसाद ने विरोध के अलग-अलग तरीकों को लेकर खूब सुर्खियां बटोरी हैं. इससे पहले भी सांसद शिवाप्रसाद नए-नए तरीकों से सदन के बाहर अपना विरोध जता चुके हैं. कभी वो कृष्ण के अवतार में नजर आते हैं तो कभी बाबा साहेब अंबेडकर की वेशभूषा में संसद पहुंचते हैं. यहां तक कि शिवाप्रसाद स्कूल बच्चे, तेलुगू महिला, मछुआरे के अवतार में भी संसद आ चुके हैं.