मध्य प्रदेश में भोपाल- उज्जैन पैसेंजर ट्रेन में हुए बम धमाके और उसके बाद यूपी में हुए मुठभेड़ में मारे गए गए आतंकी के तार आतंकी संगठन आईएसआईएस से जुड़े हैं.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, इनमें से तीन आतंकी लखनऊ से ट्रेन के जरिये भोपाल पहुंचे थे और फिर वहां से उज्जैन को जा रही ट्रेन में सवार हुए. गृह मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक इस पूरे मॉड्यूल में 18-20 लोग शामिल हैं. अन्य सदस्यों की तलाश जारी है. इस माड्यूल में उत्तर और दक्षिण भारत के युवा शामिल हैं, जो आईएसआईएस के लिए काम कर रहे हैं. साथ ही खुफिया एजेंसी ये भी मान रही हैं कि ये माड्यूल कंट्रोल दक्षिण भारत से हुआ और ऑपरेट उत्तर और मध्य भारत में हुआ.
सूत्रों के मुताबिक, आतंकियों ने यहां ट्रेन में पाइप बम प्लांट किया और इसकी तस्वीरें उन्होंने सीरिया भी भेजी. सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी यह दावा करते हुए कहा कि ट्रेन धमाके आईएसआईएस आतंकियों का काम था.
The train blast yesterday was by ISIS terrorists. They even sent photo of the planted bomb to Syria: CM Shivraj Chauhan pic.twitter.com/uz161Jswbc
— ANI (@ANI_news) March 7, 2017
बता दें कि उज्जैन की तरफ जा रही भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन सुबह करीब 10 बजे के करीब कालापीपल में जबड़ी स्टेशन के पास से गुजर रही थी, तभी ट्रेन में धमाका हुआ. इस धमाके में चार लोग घायल हो गए, जबकि ट्रेन के एक हिस्से की छत में छेद हो गया.
पहले खबर आई थी कि ट्रेन के डिब्बे में मोबाइल चार्जिंग के दौरान ब्लास्ट हुआ. हालांकि एमपी पुलिस ने घटना की जांच शुरू की, तब पता चला कि यह धमाका पाइपबम के जरिये किया गया. इस संबंध में पुलिस ने पिपरिया के पास एक बस से तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया. उनसे पूछताछ में दो संदिग्धों के यूपी में होने की खबर आई.
इसके बाद यूपी पुलिस हरकत में आई और ATS ने कानपुर और इटावा से 3 अन्य आतंकियों फैज़ान, इमरान और फैज़ल को गिरफ्तार किया है. पुलिस के मुताबिक, सभी आतंकी ISIS खुराशान के लखनऊ-कानपुर मॉड्यूल के सदस्य हैं.
यूपी पुलिस के मुताबिक, एमपी पुलिस से मिली सूचना के आधार पर कानपुर से दो संदिग्धों मोहम्मद फैसल खां (निवासी कानपुर) मोहम्मद इमरान उर्फ भाई जान (निवासी जाजमऊ) व इटावा से एक संदिग्ध रिशु (पुत्र बाबू खां) की गिरफ्तारी हुई.
इसके साथ ही पुलिस को लखनऊ के ठाकुरगंज इलाके में स्थित एक घर में सैफुल्ला नाम के आतंकी के छिपे होने की खबर मिली. पुलिस के मुताबिक शुरुआत में उनकी कोशिश आतंकी को जिंदा पकड़ने की थी और इस वजह से ऑपरेशन काफी लंबा खिच गया. आखिरकार यूपी एटीएस ने 11 घंटों की मशक्कत के बाद सैफुल्ला को मार गिराया और ऑपरेशन खत्म होने की घोषणा की.