एयर इंडिया के विमान में मनपंसद सीटें न मिलने और उनके साथ वीआईपी वाला व्यवहार न करने से कई सांसद खासे नाराज हैं और अब उन्होंने एयर इंडिया के अधिकारियों को तलब किया है. एक अंग्रेजी अखबार ने यह खबर दी है. सांसदों ने कहा है कि उन्हें मनपसंद सीटें नहीं दी जातीं, उनके साथ अच्छा व्यवहार नहीं होता, उनकी सुख-सुविधा का ख्याल रखने के लिए एयरलाइंस का स्टाफ नहीं होता और किसी तरह का तालमेल नहीं होता.
अखबार ने बताया कि एससी, एसटी के कल्याण पर बनी संसदीय समिति ने एयर इंडिया के विमानों पर चेन्नै, रायपुर और हैदराबाद का दौरा किया. इस समिति में 25 से ज्यादा सांसद थे. सांसदों का कहना था कि उनके साथ तालमेल करने के लिए हवाई अड्डे पर कोई नहीं था. इतना ही सांसदों को सीटों के आवंटन में कोई वरीयता नहीं दी गई. यह बात समिति के अध्यक्ष फग्गन सिंह फुलस्ते ने अखबार को बताई.
अब एयर इंडिया के अधिकारियों को 29 अक्टूबर को समिति के सामने पेश होना पड़ेगा. अधिकारियों ने अखबार को बताया कि कई यात्रियों ने पहले से ही एडवांस चेक-इन के जरिये फ्रंट रो की सीटें ले ली थीं. हवाई अड्डे पर सांसद आगे की सीटें मांगने लगे. कुछ सांसदों ने तो यहां तक कहा कि यात्रियों का आरक्षण रद्द करके आगे की सीट उन्हें दे दी जाए.
हद तो यह हो गई कि कुछ सांसदों ने कहा कि विमान को ही बदल दिया जाए और बड़ा विमान लाया जाए ताकि सांसदों के लिए बिजनेस क्लास उपलब्ध हो. एयर इंडिया के अधिकारियों ने यह मांग मानने से इनकार कर दिया.
अब एयर इंडिया के अधिकारियों को समिति के सामने पेश होना पड़ेगा जहां उन्हें सांसदों के गुस्से का शिकार होना पड़ेगा.