ट्रेन में तत्काल टिकटों की परिवर्तनशील (डायनैमिक) किराया व्यवस्था से संसदीय समिति बेहद नाराज है. अपनी नाखुशी जाहिर करते हुए संसदीय समिति ने कहा कि यह प्रणाली असमानता को वैध बना रही है.
लोकसभा में शुक्रवार को पेश लोक लेखा समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि हाल ही में सरकार के आदेश के बाद आधे तत्काल टिकटों को परिवर्तनशील भाड़ा प्रणाली में डाला गया है जहां निर्धारित कीमत से कहीं ज्यादा दाम (प्रीमियम) के आधार पर टिकटें बेची जा रही हैं.
समिति ने कहा कि अब जो लोग ज्यादा पैसे देने में समर्थ हैं और जिन्हें इंटरनेट सेवा मौजूद है, उन्हें तो आसानी से रिजर्वेशन मिल जाता है जबकि जिनके पास यह सुविधा नहीं है, उन्हें आरक्षित बर्थ नहीं मिल पाती है.समिति ने कहा कि इससे असमानता को बढ़ावा दिया जा रहा है. यानी यात्री एक समान ट्रीट नहीं किए जा रहे हैं. उसने कहा कि रेल मंत्रालय को गरीबों के हितों के बारे में सोचना चाहिए और तत्काल जैसी सेवाओं पर समानता पर भी विचार करना चाहिए.
रिपोर्ट में कहा गया है कि समिति चाहती है कि मंत्रालय तत्काल टिकटों के रिजर्वेशन पर लिए जाने वाले अधिक पैसे यानी प्रीमियम को कम करके न्यूनतम आवश्यक स्तर पर रखे. तत्काल रिजर्वेशन को प्रैक्टिकल बनाया जाए और इंटरनेट से बुक की जाने वाली टिकटों की संख्या सीमित की जाए यानी सारी टिकटें इंटरनेट के जरिए नहीं बेची जाएं.