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ट्विटर पर सार्वजनिक हुईं धोनी के आधार से जुड़ी जानकारी, साक्षी ने IT मिनिस्टर को घेरा

आईटी मिनिस्ट्री से जुड़े लोग धोनी के घर जाकर उनके आधार से जुड़ी चीजें अपडेट कर रहे थे. इसी का प्रचार ट्विटर से किया गया. इसी क्रम में एक ट्वीट में धोनी का फॉर्म भी पोस्ट कर दिया गया, जिस पर आपत्ति जताते हुए साक्षी ने रविशंकर प्रसाद से सवाल-जवाब किए.

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एमएस धोनी
एमएस धोनी

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केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद द्वारा आधार के प्रमोशन के लिए क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी का इस्तेमाल करना उल्टा पड़ गया. धोनी की पत्नी साक्षी ने निजता को लेकर रविशंकर प्रसाद पर ही सवाल दाग दिए. दरअसल, आईटी मिनिस्ट्री से जुड़े एक ट्विटर हैंडल से धोनी के आधार से जुड़े फॉर्म की जानकारी ट्वीट कर दी गई. इस पर साक्षी ने सवाल उठाते हुए रविशंकर प्रसाद से पूछा कि प्राइवेसी नाम की कोई चीज है या नहीं?

आईटी मिनिस्ट्री से जुड़े लोग धोनी के घर जाकर उनके आधार से जुड़ी चीजें अपडेट कर रहे थे. इसी का प्रचार ट्विटर से किया गया. इसी क्रम में एक ट्वीट में धोनी का फॉर्म भी पोस्ट कर दिया गया, जिस पर आपत्ति जताते हुए साक्षी ने रविशंकर प्रसाद से सवाल-जवाब किए. साक्षी ने कहा कि प्राइवेसी नाम की कोई चीज है या नहीं? आवेदन सहित आधार कार्ड का विवरण सार्वजनिक कर दिया गया है. इस पर मंत्री रविशंकर ने कहा कि नहीं, यह कोई सार्वजनिक संपत्ति नहीं है. क्या यह ट्वीट किसी भी व्यक्तिगत जानकारी का खुलासा करता है? जिस पर साक्षी ने कहा कि फॉर्म में भरी व्यक्तिगत जानकारी लीक हो गई हैं.

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इस पर रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यह सूचना मेरे संज्ञान में लाने के लिए धन्यवाद. व्यक्तिगत जानकारी साझा करना अवैध है. इसके खिलाफ गंभीर कार्रवाई की जाएगी.

कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए अनिवार्य नहीं आधार
सरकार ने कहा है कि आधार कार्ड के अलावा अन्य पहचान पत्र भी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए इस्तेमाल किए जा सकते हैं. कानून मंत्री ने कहा- यह स्पष्ट किए जाने की जरूरत है कि सुप्रीम कोर्ट ने खुद ही आधार के इस्तेमाल के जरिए कई गरीबोन्मुख लाभों की आपूर्ति की इजाजत दी है. मैं इसे स्पष्ट करना चाहता हूं कि आधार कल्याणकारी लाभों के लिए अनिवार्य नहीं है.

यदि किसी व्यक्ति के पास आधार नहीं है तो ऐसी स्थिति में राशनकार्ड से लेकर ड्राइविंग लाइसेंस तक अन्य पहचान पत्र इस्तेमाल में लाए जा सकते हैं. उन्होंने कहा कि आधार कार्ड अधिनियम में यह बहुत स्पष्ट रूप से लिखा हुआ है कि यदि किसी योग्य व्यक्ति के पास आधार कार्ड नहीं है तो भी उसे लाभों से वंचित नहीं किया जाएगा.

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