मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं. सन 1984 के सिख दंगों की जांच के लिए गृह मंत्रालय द्वारा 2015 में गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने दंगे से जुड़ी फाइलें फिर से खोलने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है.
एसआईटी ने पब्लिक नोटिस जारी कर व्यक्तियों और संगठनों से कहा है कि यदि उनके पास दंगों से जुड़ी कोई जानकारी है तो वे एसआईटी पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं. एसआईटी की पब्लिक नोटिस के बाद शिरोमणी अकाली दल के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने कमलनाथ के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
सिरसा ने गुरुद्वारा रकाबगंज में हुए दंगे को लेकर दावा किया है कि इस मामले के दो गवाह बयान देने के लिए तैयार हैं. सिरसा ने सोमवार को यह दावा किया कि दोनों गवाहों, ब्रिटेन में रह रहे संजय सूरी और पटना में रह रहे मुख्तियार सिंह से उन्होंने बात की है और गवाह किसी भी वक्त एसआईटी के सामने हाजिर होने के लिए तैयार हैं.
उन्होंने कहा है कि वह हमें गवाही की तय तारीख भी बताएंगे. सिरसा ने कहा कि दंगे में कमलनाथ के घर पर रुके पांच व्यक्तियों को आरोपी बनाया गया था, जिन्हें सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया, लेकिन कमलनाथ का नाम एफआईआर में नहीं था.
सोनिया गांधी से की इस्तीफा मांगने की अपीलMS Sirsa, Shiromani Akali Dal: We demand that Congress president immediately takes resignation of Kamal Nath & oust him from his post so that the Sikhs get justice. We also demand that the 2 witness be given security as they will testify against a CM in connection with a massacre https://t.co/7y7q6YlrlS
— ANI (@ANI) September 9, 2019
सिरसा ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से कमलनाथ से इस्तीफा मांगने की अपील की. उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी कमलनाथ से मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए कहें. सिरसा ने कहा इससे सिखों को न्याय मिल सकेगा.
गौरतलब है कि कमलनाथ का नाम सिख दंगों से पहले भी जोड़ा जाता रहा है. मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान भी भारतीय जनता पार्टी ने सिख दंगों को आधार बनाकर कमलनाथ को घेरने की पुरजोर कोशिश की थी. इन दंगों में 3325 लोग मारे गए थे.