अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए श्री श्री रविशंकर द्वारा मध्यस्थता के मुद्दे पर जहां हिंदू महासभा में बिखराव नजर आ रहा है, वहीं अब मुगल वंशज ने रविशंकर की कोशिश को सराहा है. मुगल वंशज प्रिंस हबीबुद्दीन ने राम मदिर मुद्दे पर सुन्नी वक्फ बोर्ड के दावे पर सवाल उठाए हैं. साथ ही उन्होंने श्री श्री रविंशकर की तारीफ करते हुए उनकी कोशिशों को सराहा है.
Who is Sunni Waqf Board to stake claim? #SriSri Ravishankar is great man,will talk to him: Prince Habeebuddin,Mughal descendant #RamTemple pic.twitter.com/8GIybvi898
— ANI (@ANI) October 31, 2017
दरअसल, हाल ही में राम मंदिर मसले के हल में मदद के लिए इसके कई पक्षकारों ने आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर से संपर्क किया है. इसे लेकर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के कुछ सदस्य उनसे बेंगलुरू में मिले थे. इस दौरान निर्मोही अखाड़े से जुड़े कुछ शख्स भी वहां मौजूद थे. इसके बाद अब यूपी के शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने भी बंगलुरु में श्री श्री से मुलाकात की है.
शिया वक्फ बोर्ड ने किया समर्थन
वसीम रिजवी ने बताया कि शिया वक्फ बोर्ड की राय से श्री श्री को अवगत कराया गया है. उन्होंने बताया कि श्रीराम मन्दिर रामजन्म भूमि पर ही बनना चाहिए और इसके लिए मैं श्री राम मन्दिर निर्माण की लड़ाई लड़ रहे सभी महंतो से मिल चुका हूं.
श्री श्री पर बंटी हिंदू महासभा
एक तरफ अखिल भारत हिंदू महासभा के महासचिव मुन्ना शर्मा ने श्री श्री रविशंकर के कदम को राजनीति से प्रेरित बताया है. उन्होंने कहा है कि श्री श्री को किसी तरह की मध्यस्थता का अधिकार नहीं है. वहीं महासभा के अध्यक्ष चंद्रप्रकाश कौशिक ने श्री श्री रविशंकर को महान आत्मा और उनके इस कदम का स्वागत किया है.