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कांग्रेस का हाथ छोड़ बीजेपी के कमल पर लट्टू हुए मुकेश अंबानी

उद्योगपति मुकेश अंबानी की कांग्रेस से दूरी बढ़ने और बीजेपी से करीबी की खबर है. यहां तक कहा जा रहा है कि कांग्रेस और मुकेश अंबानी के बीच दूरी इतनी बढ़ गई है कि ये अब कभी दोस्त नहीं बन पाएंगे.

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नरेंद्र मोदी और मुकेश अंबानी
नरेंद्र मोदी और मुकेश अंबानी

उद्योगपति मुकेश अंबानी की कांग्रेस से दूरी बढ़ने और बीजेपी से करीबी की खबर है. यहां तक कहा जा रहा है कि कांग्रेस और मुकेश अंबानी के बीच दूरी इतनी बढ़ गई है कि ये अब कभी दोस्त नहीं बन पाएंगे. गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल अपनी चुनावी सभाओं में बार-बार मुकेश अंबानी के साथ साथ कांग्रेस और बीजेपी पर निशाना साध रहे हैं. केजरीवाल ने सीएम रहते हुए अंबानी के अलावा कांग्रेस के दो बड़े मंत्रियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दे दिए थे.

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'इकोनॉमिक टाइम्स' की खबर के मुताबिक कांग्रेस और मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज के रिश्तों में साल 2009 के आसपास दरार पड़नी शुरू हुई, जब यूपीए दोबारा सत्ता में आया. इस रिश्ते को असली चोट साल 2011 के आसपास लगी, जब कांग्रेस ने यह मानना शुरू कर दिया कि रिलायंस अब नरेंद्र मोदी के करीब जा रही है. इसके अलावा बिजनेस लीडर्स के बारे में राहुल गांधी की एक खास सोच ने मुकेश अंबानी और कांग्रेस की दूरी और बढ़ा दी.

अखबार ने कांग्रेस के एक सीनियर नेता के हवाले से लिखा है कि कांग्रेस और रिलायंस के रिश्ते 2009 में उस वक्त खराब होने शुरू हुए जब दूसरे उद्योगपति की तरह अंबानी ने भी समझा था कि लोकसभा चुनाव के नतीजे बीजेपी के पक्ष में आएंगे. लेकिन, कांग्रेस की वापसी हुई और उसके बाद अंबानी और कांग्रेस के रिश्ते पूरी तरह बदल गए.

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