प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कैबिनेट में अपनी जगह बनाने वाले इकलौते मुस्लिम मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि तीन तलाक को लेकर सरकार की जीत का मतलब यह नहीं है कि अब देश में जल्दी ही कॉमन सिविल कोड लाया जाएगा. कैबिनेट मंत्री के तौर पर सोमवार को अपने ही अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय में चार्ज लेने के बाद नकवी ये बातें कही.
उन्होंने आगे कहा कि कॉमन सिविल कोड देश के ऊपर थोपा नहीं जाएगा और इसे लाने के लिए पहले आम राय बनाने की कोशिश की जाएगी. उन्होंने कहा कि ये कोई ऐसी चीज़ नहीं है जिसे अचानक लागू कर दिया जाए. बता दें कि मुख्तार अब्बास नकवी उन चार मंत्रियों में शामिल हैं जिनके कामकाज से खुश होकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें प्रमोशन देकर कैबिनेट का दर्जा दिया है.
उन्हीं के साथ आज राज्य मंत्री के तौर पर मध्य प्रदेश से आने वाले वीरेंद्र कुमार ने भी पदभार ग्रहण किया. मुख्तार अब्बास नकवी पहले अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय में स्वतंत्र प्रभार वाले मंत्री थे जबकि वीरेंद्र कुमार पहली बार मंत्री बने हैं. जब नकवी से पूछा गया कि अपने प्रमोशन को वह किस तरह से देखते हैं और क्या उन्हें तीन तलाक खत्म कराने के लिए माहौल बनाने का इनाम मिला है तो उन्होंने कहा कि इस मंत्रालय को पहले एक हल्का-फुल्का मंत्रालय माना जाता था, लेकिन उन्होंने कोशिश की कि सरकार की योजनाएं जमीन पर उतरे और प्रधानमंत्री का सबका साथ सबका विकास का नारा सही साबित हो सके.
गौरक्षा के नाम पर नहीं हो हिंसा
मजेदार बात यह है कि उनके साथ राज्य मंत्री के तौर पर चार्ज लेने वाले वीरेंद्र कुमार पहले गौ रक्षा के लिए काम करते रहे हैं और गौ रक्षा के लिए कई संस्थानों से मध्य प्रदेश में जुड़े हुए थे. खास बात यह है कि गौ रक्षकों द्वारा हिंसा को लेकर कई बार विवाद हो चुका है और खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बार-बार यह बात कहनी पड़ी कि गौरक्षा के नाम पर हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
नकवी से जब इस बारे में जब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जिन राज्यों में गौ हत्या को लेकर कानून है वहां इस का सख्ती से पालन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि भावनाओं से जुड़े मुद्दों पर लोगों को संवेदनशील होना चाहिए लेकिन साथ ही यह भी जरुरी है कि गौ रक्षा के नाम पर कोई हिंसा नहीं हो.
जब नकवी से पूछा गया कि तमाम लोगों का आरोप है कि इस समय देश में माहौल ऐसा है जिससे अल्पसंख्यकों के मन में डर बना हुआ है तो उन्होंने कहा कि इस बात में कोई सच्चाई नहीं है और यह बात बस विपक्ष के विलाप मंडली के कुछ लोग दोहराते रहते हैं.
राज्य मंत्री के तौर अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय में कार्यभार संभालने वाले वीरेंद्र कुमार ने कहा कि भले ही वह गौ रक्षा के लिए काम करते रहे हो लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि मंत्री के तौर पर उनके काम करने में कोई बाधा आएगी. उन्होंने कहा कि किसी तरह की हिंसा को सही नहीं ठहराया जा सकता भले ही यह गौरक्षा के नाम पर हो.