अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने केंद्रीय वक्फ परिषद की बैठक की. उन्होंने बोर्ड की संपत्तियों की 100 प्रतिशत जियो टैगिंग और डिजिटाइजेशन के लिए युद्धस्तर पर अभियान शुरू करने के आदेश दिए. जिससे देश भर में स्थित वक्फ सम्पत्तियों का उपयोग मुस्लिम समाज के सामाजिक कार्यों में किया जा सके.
नकवी ने बैठक में कहा कि आजादी के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदेश से भारत में वक्फ संपत्तियों पर स्कूल, कालेज, हास्पिटल, सामुदायिक भवन आदि के निर्माण के लिए प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम (पीएमजेवीके) के तहत सौ प्रतिशत फंडिग करने का निर्णय लिया गया है.
बैठक में मुख़्तार अब्बास नकवी ने स्पष्ट किया है कि 'प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम' के तहत देश भर में वक्फ सम्पत्तियों पर स्कूल, कॉलेज, आईटीआई, कौशल विकास केंद्र, बहु-उदेशीय सामुदायिक केंद्र सद्भाव मंडप, हुनर हब, अस्पताल, व्यावसायिक केंद्र, कॉमन सर्विस सेंटर आदि का बड़े पैमाने पर निर्माण किया जाएगा. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने अल्पसंख्यकों के लिए देश के 100 जिलों तक सीमित विकास योजनाओं का विस्तार बढ़ाकर 308 जिलों में कर दिया है.
किन संपत्तियों की होगी जियो टैगिंग
सूत्रों की माने तो देशभर में लगभग 5.77 लाख रजिस्टर्ड वक्फ संपत्तियां हैं जिन्हें जियो टैगिंग और उनके रिकॉर्ड को डिजिटल किया जा रहा है. जियो टैगिंग एवं डिजिटलाइजेशन से वक्फ संपत्तियों को पारदर्शी एवं सुरक्षित तरीके से रखा जा सकेगा.
वक्फ संपत्तियों के सदुपयोग के लिए कमेटी ने सौंपी रिपोर्ट
वक्फ सम्पत्तियों का किस तरीके से प्रयोग किया जा सकता हैं, इस संबंध में रिटायर्ड जस्टिस ज़कीउल्लाह खान के नेतृत्व में 5 सदस्यीय कमेटी ने अपनी रिपोर्ट मुख़्तार अब्बास नकवी को सौंप दी है.
कमेटी की रिपोर्ट की सिफारिशें वक्फ संपत्तियों के सदुपयोग एवं दशकों से विवाद में फंसी सम्पत्तियों को विवाद से बाहर निकालने के लिए वक्फ नियमों को सरल एवं प्रभावी बनाएगी. अल्पसंख्यक मंत्रालय कमेटी की सिफारिशों पर सभी आवश्यक कदम उठा रही है. वक्फ संपत्तियों को 'वक्फ माफिया' के कब्जे से निकालने के लिए सरकार कड़े कदम उठाकर उसे खाली करा रही है.