मुलायम सिंह यादव ने आज बुलाई प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ किया कि वह फिलहाल कोई नई पार्टी नहीं बनाने जा रहे हैं. दरअसल इस कॉन्फ्रेंस से पहले इस बारे में अटकलें जोरों पर थी, जिस पर समाजवादी पार्टी के पूर्व प्रमुख ने विराम लगा दिया.
लखनऊ स्थित लोहिया ट्रस्ट में बुलाई गई मुलायम की इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक गौर करने वाली बात यह भी थी कि यहां सूबे के कई नेताओं का जमावड़ा था, लेकिन शिवपाल यादव नदारद थे.
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब अखिलेश यादव के बारे में पूछा गया तो मुलायम सिंह यादव ने कहा, वह (अखिलेश यादव) मेरे पुत्र हैं, इस नाते मेरा आशीर्वाद हमेशा उनके साथ हैं, लेकिन उनके निर्णयों पर मैं साथ नहीं.' हालांकि जब उनसे पूछा गया कि वह अखिलेश के किन फैसलों के खिलाफ हैं, तो उन्होंने कहा कि सही वक्त आने पर वह यह भी बता देंगे.
मुलायम ने यहां कहा, 'अखिलेश ने कहा था कि तीन महीने बाद अध्यक्ष पद वापस दे देंगे, लेकिन उन्होंने अपनी जुबान नहीं रखी. जो अपने पिता का नहीं हुआ, वह कभी सफल नहीं हो सकता.' वहीं जब उनसे अखिलेश के साथ विवाद को लेकर पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'हम दोनों बाप बेटे हैं, कितने दिन मतभेद रहेगा कौन जानता है.'
हालांकि मुलायम ने इस दौरान यह सवाल टाल दिया कि वह अखिलेश और शिवपाल में से किसके साथ हैं? मुलायम ने पहले तो इस सवाल को ही खारिज किया, फिर कहा कि वो अखिलेश या शिवपाल नहीं बल्कि समाजवादी पार्टी के साथ हैं. इसके साथ ही उन्होंने अपील की, 'समाजवादी धारा के लोग हमसे जुड़े, समाजवादी पार्टी से जुड़े.'
मुलायम सिंह के इस बयान के बाद उनके बेटे व समाजवादी पार्टी के मौजूदा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर खुशी जाहिर की. अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, 'नेताजी ज़िंदाबाद समाजवादी पार्टी ज़िंदाबाद.'
नेताजी ज़िंदाबाद समाजवादी पार्टी ज़िंदाबाद
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 25, 2017
मुलायम सिंह ने इस दौरान सूबे की योगी सरकार पर प्रहार करते हुए आरोप लगाया कि योगी आदित्यनाथ की कथनी और करनी में फर्क है. उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ सरकार को सभी किसानों का कर्ज माफ करना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि योगी सरकार में भ्रष्टाचार चरम पर है. उन्होंने कहा, 'लोग बिजली नहीं मिलने से परेशान हैं. यूपी में सांप्रदायिकता बढ़ी है और कानून व्यवस्था की हालत खराब है. बीएचयू तक में लड़कियां सुरक्षित नहीं.'
मुलायम सिंह ने केंद सरकार पर भी जनता से वादाखिलाफी का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, 'इस सरकार ने तीन साल में कोई वादा पूरा नहीं किया. नोटबंदी ने लोगों की कमर तोड़ दी है. महंगाई चरम पर हैं, पेट्रोल-डीजल की कीमतें आसमान छू रहीं हैं.
बता दें कि सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने लोहिया ट्रस्ट की बैठक बुलाई थी, लेकिन समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और उनके समर्थकों ने बैठक का बहिष्कार कर दिया था. बैठक में अखिलेश यादव, रामगोपाल यादव, आजम खान, धर्मेंद्र यादव और बलराम यादव इस बैठक में नहीं शामिल हुए थे. जिसके बाद मुलायम सिंह यादव ने अपने भाई रामगोपाल यादव को लोहिया ट्रस्ट के सचिव पद से बर्खास्त कर दिया था और उनकी जगह शिवपाल यादव को सचिव बना दिया था.
वहीं अखिलेश यादव का फिर से समाजवादी पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनना लगभग तय है और 5 अक्टूबर को आगरा के राष्ट्रीय अधिवेशन उन्हें दोबारा राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया जाएगा. इसबार अखिलेश यादव के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की मुहर राष्ट्रीय अधिवेशन में लगेगी.