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जुए में जीते 30 रुपये से बदली मुलायम की किस्मत

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह भारतीय राजनीति के उन चेहरों में से हैं, जिन्होंने सियासत का रुख मोड़ दिया. लेकिन एक गरीब परिवार से सत्ता की ऊंचाइयों पर पहुंचे मुलायम सिंह की जिंदगी उतार-चढ़ाव से भरी है. 3 सितंबर को उनके जीवन पर बनी आधे घंटे की फिल्म ‘सारथी’ को खुद मुलायम ने रिलीज किया.

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मुलायम सिंह यादव
मुलायम सिंह यादव

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह भारतीय राजनीति के उन चेहरों में से हैं, जिन्होंने सियासत का रुख मोड़ दिया. लेकिन एक गरीब परिवार से सत्ता की ऊंचाइयों पर पहुंचे मुलायम सिंह की जिंदगी उतार-चढ़ाव से भरी है. 3 सितंबर को उनके जीवन पर बनी आधे घंटे की फिल्म ‘सारथी’ को खुद मुलायम ने रिलीज किया.

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फिल्म में उनके जीवन के दिलचस्प वाकये का जिक्र करते हुए बताया गया कि गरीबी के कारण सातवीं कक्षा के बाद मुलायम को पढ़ाई छोडऩी पड़ी. उसके बाद वे भैंस चराने के अपने पुश्तैनी काम में लग गए. लेकिन उनके दोस्तों को पता था कि मुलायम आगे पढ़ना चाहते हैं. ऐसे में उनके एक दोस्त ने उन्हें 30 रुपये की आर्थिक मदद दी. यह छोटा-सा खजाना उनके दोस्त ने जुए में जीता था. इस तरह जुए में जीती रकम से पढ़ाई-लिखाई का सिलसिला शुरू हो गया और समाजवादी आंदोलन को उसका भविष्य का नेता मिला.

इस तरह के तमाम दिलचस्प वाकयों से भरी फिल्मकार शंकर सुहैल की फिल्म यह भी बताती है कि मुलायम ने अखिलेश को क्यों उत्तर प्रदेश की कमान सौंपी. फिल्म में बताया गया कि पार्टी में बढ़ती बूढ़ों की संख्या से मुलायम को लगा कि युवाओं के देश में बूढ़ी पार्टी की छवि ठीक नहीं होगी. इसीलिए उन्होंने उत्तर प्रदेश की कमान अखिलेश को सौंपी. अखिलेश ने जमकर चुनाव प्रचार किया और सपा के दिन बहुर गए. बेटे को जिम्मेदारी सौंपने से मिला आराम ही है जो इस खुर्राट समाजवादी नेता को खुद पर डॉक्यूमेंट्री बनवाने का अवकाश दे सका.

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