राजनीति में कब कौन साथी बन जाए और कब दुश्मन इसका अनुमान लगा पाना बेहद ही मुश्किल है. अब समाजवादी पार्टी को ही ले लीजिए. कल तक भारतीय जनता पार्टी को सांप्रदायिक और फिरकापरस्त पार्टी कहने वाली सपा, इन दिनों बीजेपी नेताओं की तारीफ में जुटी है .
सपा के महासचिव राम गोपाल यादव ने रविवार को कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) के शासनकाल में भ्रष्टाचार चरम पर है जबकि भ्रष्टाचार से निपटने के मामले में भाजपा की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार कहीं बेहतर थी.
इससे पहले, डीएमके के यूपीए से समर्थन वापस लेने के बाद राम गोपाल यादव कहा था कि यूपीए से कहीं ज्यादा एकजुट था एनडीए. सपा महासचिव यहीं नहीं रुके थे. उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी की भी तारीफ की थी.
बीजेपी नेताओं की तारीफ करने के सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव भी पीछे नहीं रहे हैं.
मुलायम ने कहा था, ‘आडवाणी साहब कहते हैं कि उत्तर प्रदेश बहुत बुरी स्थिति में है और यहां भ्रष्टाचार चरम पर है. जब आडवाणी जैसे नेता ऐसी बात कहें तो लगता है मुझे स्थिति की समीक्षा करनी होगी. वह कभी झूठ नहीं बोलते. जैसा कि मैंने कई दफा कहा है कि वह हमेशा सच बोलते हैं, मैं जाउंगा और फिर उनसे मिलूंगा.’