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अखिलेश नहीं मुलायम सिंह यादव के कहने पर हुआ आईएएस दुर्गा शक्ति नागपाल का निलंबन

यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने नहीं, उनके पिता और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने ग्रेटर नोएडा में तैनात आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन का आदेश दिया था. मुख्यमंत्री कार्यालय के सूत्रों की मानें तो सोमवार सुबह तक अखिलेश को इस फैसले की जानकारी भी नहीं थी

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विधायक के कहने पर आदेश दिए मुलायम ने
विधायक के कहने पर आदेश दिए मुलायम ने

यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने नहीं, उनके पिता और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने ग्रेटर नोएडा में तैनात आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन का आदेश दिया था. मुख्यमंत्री कार्यालय के सूत्रों की मानें तो सोमवार सुबह तक अखिलेश को इस फैसले की जानकारी भी नहीं थी. वह उस दौरान कर्नाटक में थे. मुलायम सिंह भी उनके साथ ही थे. जब उन्हें मामले की जानकारी पार्टी के किसी नेता से मिली तो उन्होंने सीधे अधिकारी को आदेश दिया. मुलायम सिंह के निर्देश के बाद रात में ही मुख्यमंत्री कार्यालय खोला गया. इसके बाद दुर्गा शक्ति के निलंबन के आदेश जारी किए गए.दुर्गा शक्ति ग्रेटर नोएडा में सब डिविजनल मैजिस्ट्रेट के पद पर तैनात थीं. आदेश जारी होने के बाद अगले दिन अखिलेश को सचिवालय के एक अधिकारी ने इस बाबत जानकारी दी. उसके बाद मीडिया से बात करते हुए अखिलेश किसी तरह से बस अपने फैसला का बचाव करते नजर आए.

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विधायक ने नेता जी से कहा और काम हो गया

पूरे देश में ईमानदार और खनन माफिया का दमन करने वाली युवा आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन को लेकर बात हो रही है. आज हम आपको बता रहे हैं कि दुर्गा शक्ति को निपटाने का काम किसने और कैसे किया. समाजवादी पार्टी के एक विधायक जी हैं. गौतम बुद्ध नगर सीट से. उनके परिवार के लोग मुलायम राज से ही बालू और रेत के खनन में लगे हुए थे. मायावती राज में भी ये धंधा सूरत बदलकर जारी रहा.तब उन्हें उस वक्त मायावती के खास रहे बाबू सिंह कुशवाहा की सरपरस्ती मिली. मगर जब से दुर्गा शक्ति नागपाल यहां अधिकारी बनकर आई थीं. उनका अवैध कारोबार चौपट हो रहा था. दुर्गा हर काम नियम के मुताबिक कर रही थीं. ऐसे में विधायक जी उन्हें हटवाने का अपना केस मजबूत नहीं कर पा रहे थे. हालांकि दुर्गा के ट्रांसफर के लिए विधायक जी पिछले हफ्ते ही सपा के नेता जी यानी मुलायम सिंह यादव से मिले थे.मौका था बीएसपी छोड़कर बीजेपी में गए और जेल में बंद बाबू सिंह कुशवाहा की पत्नी और भाई के सपा में आने का. चूंकि विधायक जी कुशवाहा के खास रहे थे, इसलिए वे भी लखनऊ में इस मौके पर मौजूद थे. तभी उन्होंने नेता जी के सामने अपना दुखड़ा रोया. नेता जी ने आश्वासन दिया कि वजह मुहैया कराते ही एक्शन लिया जाएगा.

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तुम झूठ बोल रहे हो अखिलेश यादव, आज तक के खरे सवाल

 

इसके बाद फिर विधायक ने अवैध निर्माण की कार्रवाई की जानकारी होते ही मुलायम को फोन किया. उसने बताया कि नेता जी एक मस्जिद बन रही थी, जिसकी दीवार दुर्गा ने गिरवा दी. ये सुनते ही मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश को बताए बिना सीधे लखनऊ फोन किया और सीनियर लेवल के सेक्रेट्री से कहा कि दुर्गा के सस्पेंशन ऑर्डर जारी किए जाएं. शनिवार रात 1 बजे सीएम दफ्तर खोलकर दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन का आदेश जारी कर दिया गया.

जब रविवार को मीडिया ने इस कार्रवाई पर सवाल उठाए तो रात 11.39 बजे एक प्रेस रिलीज जारी कर दी गई. मगर सीएम सूबे में नहीं थे. तो उन्हें पता चला सोमवार की सुबह.

नेता जी नहीं, अखिलेश का किया धरा है यह

उधर जब तब अखिलेश सरकार के लिए अपने बयानों और तेवरों से मुसीबत पैदा करने वाले ताकतवर मंत्री आजम खान ने कहा है कि नेता जी ने नहीं अखिलेश यादव ने ही सस्पेंशन के ऑर्डर जारी किए थे.राज्य में खनन माफिया की लूट के सवाल पर आजम व्यंग्य भरे अंदाज में बोले कि राम नाम की लूट है, लूट सके तो लूट.

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