उत्तर प्रदेश में अभी हाल ही में हुए उपचुनाव में अल्पसंख्यक मतदाताओं के पार्टी से खिसक जाने से परेशान समाजवादी पार्टी पूर्व भाजपा नेता कल्याण सिंह के साथ साल भर की दोस्ती से हुए नुकसान की भरपाई करने में जुट गयी है.
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया है कि सपा मुखिया मुलायम सिंह की कल्याण सिंह से दोस्ती के कारण मुस्लिम मतदाताओ में पैदा हुए भ्रम को दूर करने के लिए पार्टी के विधायकों एवं सांसदों ने मुस्लिम नेताओं के साथ मुलाकात का सिलसिला तेज कर दिया है. यह कहते हुए कि समाजवादी पार्टी और इसकी सरकार ने हमेशा धर्मनिरपेक्षता को मजबूत करने और अल्पसंख्यकों के हितो की रक्षा के लिए काम किया, सपा नेता ने मुलायम सिंह के मुख्यमंत्रित्वकाल में अल्पसंख्यक समुदाय के लिए किये गये कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि पुलिस पीएसी की भर्ती में भी मुसलमानो को समुचित प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की गयी. उन्होंने बताया कि कल्याण सिंह के कारण मुसलमानों में कुछ भ्रम पैदा होना स्वाभाविक था मगर पार्टी नेतृत्व शीघ्र ही उसे दूर कर देगा.
सपा नेता ने यह भी कहा कि श्रीकृष्ण आयोग की रिपोर्ट, लिब्राहन आयोग और दिल्ली के बटाला हाउस मुठभेड़ पर मुस्लिम समुदाय को पार्टी का रुख मालूम है और वे यह बात अच्छी तरह समझते हैं कि केवल समाजवादी पार्टी ही सच्चे अर्थ में धर्मनिरपेक्ष पार्टी है और कांग्रेस तथा बसपा जैसे दलों ने हमेशा अल्पसंख्यको के साथ धोखा किया है. पार्टी मंच से बाबरी मस्जिद के पुनर्निर्माण की मांग उठाये जाने के बारे में पूछे जाने पर सपा नेता ने कहा कि हमने कांग्रेस को उसके वादे की याद दिलाई है जो उसके प्रधानमंत्री ने बाबरी मस्जिद ध्वस्त किये जाने के तुरन्त बाद किया था. उन्होने कहा हमारी मांग है कि रिलायंस गैस विवाद की तरह ही बाबरी मस्जिद विवाद की भी रोज सुनवाई करके जल्द निपटारा किया जाना चाहिए.