लोकसभा चुनाव में लगभग साल भर का वक्त बाकी है लेकिन इससे पहले नए सियासी समीकरण के 'समाजवादी' संकेत मिलने लगे हैं. एक बार भी तीसरे मोर्चे के अस्तित्व और उसकी जरूरत को लेकर बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है. इस बीच मुलायम सिंह और उनकी पार्टी के 'आडवाणी राग' ने कांग्रेस की बेचैनी बढ़ा दी है.
रविवार को महाराष्ट्र के सांगली में मुलायम ने समान विचार वाले दलों को आगे बढ़ने को कहा. मुलायम ने कहा कि केंद्र में फिलहाल गठबंधन की ही सरकार चलने वाली है. ऐसे में वक्त आ गया है कि एक विचारधारा वाली पार्टियां साथ आएं. गौर करने वाली बात है कि इसके पहले मुलायम आडवाणी की तारीफ कर चुके हैं.
ऐसे में कांग्रेस को मिर्ची लगना लाजमी था. पार्टी महासचिव दिग्विजय सिंह ने पलटवार करते हुए कहा कि कुछ पार्टी विचारधारा पर चलती है और कुछ लोग सत्ता पाने के लिए सियासत करते हैं.
मुलायम सिंह ने तीसरे मोर्चे का राग क्या छेड़ा, क्षेत्रीय पार्टियां उनके सुर से सुर मिलाने लगी. जनता दल (यूनाइटेड) नेता जय नरायण निषाद ने कहा कि अब जमाना गठबंधन सरकार का है ऐसे में तीसरा मोर्चा ही विकल्प है.
वहीं जनता दल सेकुलर के प्रवक्ता दानिश अली ने तीसरे मोर्चे की संभावना जताते हुए कहा कि 1996 वाला एक्सपेरिमेंट कामयाब रहा था. एनसीपी नेता डीपी त्रिपाठी ने भी तीसरे मोर्चे की पैरवी कर डाली.
हालांकि कांग्रेस और बीजेपी ने तीसरे मोर्चे की संभावना को एक सिरे से खारिज कर दिया. कांग्रेस नेता रशीद मसूद ने कहा कि तीसरे मोर्चे का कोई अस्तित्व नहीं है. वहीं थर्ड फ्रंट की संभावना को खारिज करते हुए बीजेपी नेता सुधांशु मित्तल ने कहा कि 2014 में एनडीए की सरकार आएगी. बीजेपी नेता बलबीर पुंज ने भी दावा किया कि अगले साल एनडीए की सरकार आएगी.