समाजवादी पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव ने महिला आरक्षण पर दिये बयान को पुन: दोहराते हुए गुरुवार को कहा कि 'इससे आम महिलायें नहीं बल्कि उद्योगपतियों और अधिकारियों के घरों की महिलाएं और लड़कियां ही लोकसभा और विधानसभाओं में चुन कर जायेंगी, जिन्हें देखकर लड़के सीटियां बजायेंगे.'
समाजवादी पार्टी कार्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं की आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए सपा मुखिया ने यह भी स्पष्ट किया कि उन्होंने गत मंगलवार हो डा. राम मनोहर लोहिया के जन्म शताब्दी समारोह पर आयोजित कार्यक्रम में महिला आरक्षण की विसंगतियों की बाबत जो बयान दिया था उस पर वह कायम ही नहीं हूं बल्कि उन्होंने जानबूझ कर यह बयान दिया था ताकि इस मुद्दे पर बहस छिड़ सके.
बड़े घरों की महिलाओं के लोकसभा और विधानसभा में चुन कर जाने पर लड़को द्वारा सीटियां बजाये जाने संबंधी बयान को लेकर समूचे विपक्ष द्वारा सपा मुखिया की घेराबंदी और महिला संगठनों द्वारा की जा रही आलोचना को दरकिनार करते हुए यादव ने कहा, ‘महिला आरक्षण की बाबत मेरी राय में न तो कोई बदलाव आया है और न ही आयेगा. मैंने जो बयान दिया है वह सोच समझ कर और जानबूझ कर दिया है, क्योंकि इन घरों की महिलाएं जब राजनीति में आयेगी तो लड़के सीटियां बजायेंगे.’
मुलायम ने कहा कि महिला आरक्षण का फायदा बडे घरों की महिलाएं ही उठा पाएंगी, जबकि दलित और गरीब महिलाओं को राजनीति में आने का मौका ही नहीं मिल पायेगा. इसलिए मै चाहता भी हूं कि महिला आरक्षण के मुद्दे पर देशव्यापी और पुख्ता बहस हो ताकि आरक्षण का लाभ सही मायने मे सभी महिलाओं को मिल सके. मुलायम ने कहा कि महिला आरक्षण के मुद्दे पर दिये गये बयान पर विपक्ष द्वारा समाजवादी पार्टी की घेराबंदी से पार्टी कार्यकर्ता हतोत्साहित न हों और मनोबल न गिरने दें.
उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओ की बैठक में 'लड़के सीटियां बजायेंगे' के बयान को बबुंलद तरीके से दोहराया ही नहीं बल्कि कार्यकर्ताओ का मनोबल बढाने के लिए यह भी कहा कि 'मैने जानबूझ कर यह बयान दिया था ताकि इस अहम मुददे पर बहस छिड़ सके. साथ ही यह भी संदेश दिया कि वह अपने बयान से पीछे हटने वाले नही है.'