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नरेंद्र मोदी की तरह दंगों की साजिश कर रहे हैं मुलायम सिंह यादव, बोले अजित सिंह

मुजफ्फरनगर में हिंसा की आग तो थम गई है, लेकिन सियासत की आग थमने का नाम नहीं ले रही है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में खासी पकड़ रखने वाले आरएलडी चीफ चौधरी अजित सिंह ने समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव को यूपी का नरेंद्र मोदी बताया है.

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चौधरी अजित सिंह
चौधरी अजित सिंह

मुजफ्फरनगर में हिंसा की आग तो थम गई है, लेकिन सियासत की आग थमने का नाम नहीं ले रही है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में खासी पकड़ रखने वाले आरएलडी चीफ चौधरी अजित सिंह ने समाजवादी पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव को यूपी का नरेंद्र मोदी बताया है. उन्होंने मुजफ्फरनगर दंगों के लिए सपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया और बीजेपी पर धार्मिक भावनाओं को भड़काने का आरोप लगाया.

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आज तक से एक्सक्लूसिव बातचीत में उन्होंने कहा कि मुलायम गुजरात के मुख्‍यमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रभावित नजर आ रहे हैं. उन्होंने मुजफ्फरनगर हिंसा के शुरुआती दिनों में कोई कार्रवाई नहीं की जैसा गुजरात दंगों में मोदी ने किया था.

अजित सिंह ने कहा, 'मुलायम जी मोदी से प्रभावित लगते हैं. मोदी ने जो किया गुजरात में, जिस तरह से दंगे हुए. उस जमाने की रिपोर्ट कहती है कि कितनी कॉल आई...क्या हुआ. कहीं न कहीं तो रोका गया था. यहां भी यही हुआ. प्रशासन को किसी तरह की कार्रवाई नहीं करने के निर्देश थे. यूपी में आज प्रशासन कदम उठा रहा है, पर 10 दिन पहले कार्रवाई क्यों नहीं हुई. प्रशासन चलता है मुख्यमंत्री और नेताओं के इशारे पर. 10 दिन पहले कुछ और निर्देश मिले थे, इसलिए कोई कार्रवाई नहीं हुई.'

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प्रशासन के कारण हुए ये दंगे
उन्होंने कहा, यूपी अकेले सिर्फ मुलायम नहीं चलाते है. कई लोग यूपी की सरकार चलाते हैं. इन दंगों में यह साफ हो गया है कि सरकार चाहती तो ऐसा नहीं होता. गुस्सा किसी धर्म में नहीं था. ये गुस्सा जातियों का झगड़ा नहीं था. गुस्सा एक लड़की के साथ हुई छेड़छाड़ पर था. उसपर पुलिस ने कोई कदम नहीं उठाया. उसके बाद जो पंचायतें हुईं. हिंदुओं की...मुसलिमों की, उसमें जो भड़काऊ भाषण दिए गए. पुलिस ने कोई कदम नहीं उठाया. वारंट भी जारी किए गए पर उस पर अमल नहीं हुआ. झगड़ा उसे लेकर था.'

कर्फ्य और सेना ने नहीं मिटेंगी दूरियां
चौधरी अजित सिंह ने कहा, 'मुजफ्फरनगर में जो हुआ वह चिंता का विषय है. दंगे तो खत्म हो गए पर इसके दूर के परिणाम क्या होंगे, वो स्थिति अभी साफ नहीं है. आज पुलिस है, सेना है, कर्फ्यू लगा है तो स्थिति समान्य नजर आती है. लेकिन जो साथ-साथ रह रहे थे उनकी भावनाएं भड़की हैं. जो कमजोर वर्ग है उनके दिल में डर समाया हुआ है. वो पलायन करने को तैयार हैं. ये डर नहीं खत्म हुआ है. इस समस्या का हल निकालना होगा.'

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