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मुंबई हमला: पाक सुप्रीम कोर्ट ने लखवी की याचिका खारिज की

मुंबई हमलों के मामले में लश्कर ए तैयबा कमांडर जकीउर रहमान लखवी की बरी किए जाने की मांग करने वाली याचिका को पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने आज यह कहते हुए खारिज कर दिया कि मामले को मौजूदा चरण में उठाने के लिए यह मंच उचित नहीं है जिसका फैसला आतंकवाद निरोधक अदालत में होना अभी बाकी है.

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मुंबई हमलों के मामले में लश्कर ए तैयबा कमांडर जकीउर रहमान लखवी की बरी किए जाने की मांग करने वाली याचिका को पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने आज यह कहते हुए खारिज कर दिया कि मामले को मौजूदा चरण में उठाने के लिए यह मंच उचित नहीं है जिसका फैसला आतंकवाद निरोधक अदालत में होना अभी बाकी है.

प्रधान न्यायाधीश इफ्तिखार चौधरी की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की एक पीठ ने कहा कि मामले पर आतंकवाद निरोधक अदालत का फैसला आने के बाद लखवी शीर्ष अदालत में गुहार लगा सकता है.

मुंबई हमलों की योजना बनाने और इसे अंजाम देने में मदद करने के आरोप में लखवी और छह अन्य संदिग्धों पर आतंकवाद निरोधक अदालत में फिलहाल मुकदमा चल रहा है.

सरकार के वकील मलिक रब नवाज नून ने प्रेट्र से कहा कि उच्चतम न्यायालय लखवी के वकील की इस दलील से राजी नहीं हुआ कि भारतीय अधिकारियों के समक्ष दिए गए अजमल कसाब के इकबालिया बयान का पाकिस्तानी अदालतों में कोई महत्व नहीं है.{mospagebreak}

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मुंबई हमलों के दौरान जीवित गिरफ्त में आए एकमात्र आतंकवादी अजमल कसाब को मुंबई की एक अदालत ने मौत की सजा सुनाई है. लखवी ने अपनी याचिका में रावलपिंडी की आतंकवाद निरोधक अदालत में अपने खिलाफ मुंबई हमले से संबंधित एक मामले में बरी किए जाने और आपराधिक कार्यवाही खत्म करने की मांग की थी.

लखवी के वकील ने उच्चतम न्यायालय से यह भी कहा कि आतंकवाद निरोधक अदालत को कसाब के बयान का इस्तेमाल लखवी के खिलाफ करने से रोका जाए क्योंकि इस बयान को भारतीय अधिकारियों ने दर्ज किया था.

कसाब ने अपने इकबालिया बयान में लखवी को मुंबई हमलों का ‘सरगना’ बताया था जिनमें 166 लोग मारे गए थे.

लखवी के वकील ख्वाजा सुल्तान ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने यह माना कि उनकी याचिका में ‘तकनीकी रूप से मजबूत तर्क’ हैं.{mospagebreak}

सुल्तान ने कहा कि न्यायालय ने यह व्यवस्था दी कि इस मामले पर आतंकवाद निरोधक अदालत द्वारा फैसला किया जाना चाहिए और इस चरण में मामले को उठाने के लिए यह उचित मंच नहीं है.

सुल्तान ने यह भी कहा कि आतंकवाद निरोधक अदालत की कार्यवाही के कवरेज के लिए मीडिया पर लगा प्रतिबंध हटाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘मीडिया कवरेज पर प्रतिबंध अच्छा नहीं है. रावलपिंडी अदालत की कार्यवाही के कवरेज की मीडिया को अनुमति दी जानी चाहिए.’’ सुल्तान ने कहा कि भारत ने भी मुंबई की विशेष अदालत में कसाब के खिलाफ मुकदमे की कार्यवाही का कवरेज करने की मीडिया को इजाज़त दी थी.

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उल्लेखनीय है कि रावलपिंडी स्थित आतंकवाद निरोधक अदालत सुरक्षा संबंधी कारणों से अडियाला जेल के भीतर लखवी और अन्य संदिग्धों के खिलाफ मुकदमे की सुनवाई कर रही है.

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