26/11 के एक बरस बाद मुंबई पहले से ज़्यादा सतर्क है, पहले से ज़्यादा चौकन्नी है. अब कोई हमलावर, इधर आंख उठाकर नहीं देख पाएगा. अब कोई मुंबई को दहलाने की ज़ुर्रत नहीं कर पाएगा. ये सिर्फ़ बातें नहीं, बल्कि इसी हक़ीकत को दिखाने के लिए आज 26/11 की बरसी पर, मुंबई में निकली है परेड.
मुंबई और देश के सबसे बड़े आतंकी हमले के ठीक एक साल पूरे होने पर मुंबई आतंक को मुंहतोड़ जवाब देने के हौसले से बुंलद थी. मुंबई की तरफ आँखे उठाकर भी देखने वालों की आँखे निकाल लेने का खून मुंबई की आखों में खौल रहा था. मुंबई की सड़कों पर मुंबई की सुरक्षा कवच फोर्स वन कमांडो उतर आई थी.
फोर्स वन -एनएसजी की तर्ज पर गठित जांबाजों का वह दस्ता है, जो मुंबई में अब किसी भी आतंकी हमले की स्थिति में सबसे पहले पहुंचेगा औऱ दहशतगर्दों को छलनी-छलनी कर दम लेगा. अगर फोर्स वन को जरूरत महसूस हुई, तो पूरी ताकत झोंकने के लिए मुंबई पुलिस के भी जांबाज तैयार रहेंगे.
26/11 हमले की पहली बरसी पर मुंबई ने नापाक मंसूबा रखनेवालों को जता दिया कि अब मुंबई की तरफ आंख उठाकर भी ना देखना. मुंबई पुलिस की सुबह-सुबह शुरू हुई शक्ति परेड में आतंकिय़ों का कलेजा फाड़कर निकाल लेने वाले जाबाजों की ताकत के साथ मुंबई पुलिस के लिए मंगाई गई आधुनिक हथियारों से लैस गाड़ियों की भी नुमाइश की गई. जाबांजों को सुरक्षित मंजिल तक पहुंचाने वाली ऐसी गाड़ी की भी नुमाइश की गई, जो आतंकियों की गोलियों की बौछार भी झेल सकती है. साथ ही आतंकियों से लड़ने वाले जाबाजों के तमाम हथियार भी मंजिल तक पहुंचा सकती है.
बुलेटप्रूफ गाड़ी की सुरक्षा में जांबाज आतंकियों को नाकों चने चबवा सकते हैं. साफ है आतंकी चाहे किसी इमारत की आड़ ले या समुद्र की आड़ में छिपे, लेकिन मुंबई के इन दिलेरों से बचना नामुमकिन होगा.