मुंबई में मोटरमैन की हड़ताल का मामला बढ़ता ही जा रहा है. मोटरमैन हड़ताल पर तो नहीं हैं, पर वो बिना खाए पिए गाड़ी चला रहे हैं. इसलिए वो सफर के बीच में ही तबीयत ख़राब होने की बात कहकर काम छोड़कर जा रहे हैं. इस वजह से अब तक मुंबई में डेढ़ सौ से ज्यादा लोकल ट्रेनें रद्द करनी पड़ी हैं.
इस वजह से मुसाफिरों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. मुसाफिरों के सब्र का बांध टूटने लगा है. खबर है कि गुस्साए लोगों ने चर्चगेट स्टेशन पर हंगामा किया और तोड़फोड़ की.
हालात को देखते हुए वेस्टर्न लाइन के स्टेशनों पर पुलिस तैनात कर दी गई है. उधर, रेलवे का कहना है कि मोटरमैनों का सिर्फ एक गुट भूख हड़ताल पर है, अगर वो काम पर नहीं लौटे तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सकती है. हड़ताल जारी रहने की संभावना को देखते हुए रेलवे ने लोगों के लिए एडवाइजरी भी जारी की है, जिसके मुताबिक बेहद जरूरी होने पर ही वो लोकल ट्रेन से सफर करें.
भूख हड़ताल की वजह से सेंट्रल और वेस्टर्न लाइन मिलाकर करीब 167 गाड़ियां रद्द हुई हैं.
रेलवे को आशंका है की हालत और भी बिगड़ सकती है और उससे निपटने की वो हर मुमकिन कोशिश में है, यह पूरा मामला वेतन का है.
मोटरमैन अपनी तनख्वाह बढ़ाने के अलावा कुछ और भत्तों की मांग भी कर रहे हैं. उन्होंने अपनी हड़ताल जारी रखने का एलान किया है.
रेल प्रशासन ने मोटरमैनों से बातचीत करने के लिए फास्ट ट्रैक कमेटी बना दी है. रेलवे ने राज्य सरकार से पर्याप्त बंदोबस्त करने और ज्यादा बसें चलाने की मांग की है.
इस बीच महाराष्ट्र के गृह मंत्री आर आर पाटील ने कहा कि सरकार मुश्किल से निपटने की कोशिश कर रही है. मुख्यमंत्री इस सिलसिले में प्रधानमंत्री से बात करेंगे.