अदालत में 'किस'. सिर्फ नाम पर मत जाइएगा. ये नाम किसी को भी ग़लतफहमी में डाल सकता है. लेकिन हां, मुक़दमा सच्चा है. एक किस को कोर्ट के कटघरे में खड़ा होना पड़ा. एक किस को इंसाफ के तराज़ू में तोला गया. सिर्फ ये जानने के लिए वो 'किस' किस हद तक पाक-साफ या अश्ललील था. पूरे 14 महीने तक इस किस का मुक़दमा चला और फिर फैसला आया. तो आइए देखते हैं कि किस के इस मुकदमे में किस-की जीत हुई?
क्या पब्लिक प्लेस पे प्रेमी जोड़े का यूं गले लगना ग़लत है? क्या सड़क, बज़ार, मॉल, या पार्क में ब्वैयफ्रैंड-गर्लफैंड का किस करना गैर-कानूनी है? क्या आशिकों का सरेआम अपनी महबूबा के गाल पर किस कर अपनी भावना जताना कानून का उल्लंघन है?
कायदे से ये सवाल वो सवाल हैं जिनका जवाब शायद ही कोई प्रेमी जोड़ा सामने आकर खुल कर दे क्योंकि बात मोहब्बत और इज्जत की है. लेकिन एक आशिक ऐसा है जो इन सवालों को उठा कर सीधे कानून की दहलीज़ पर ले गया. क्य़ोंकि उसे ये गवारा नहीं था कि उसकी मोहब्बत को कानून के तराजू में तोला जाए या उसके जज़्बात को अश्लीलता का नाम दिया जाए.
खुद्दारी की लड़ाई में जीता कुबेर
शख्स का नाम है कुबेर स्वरूप. उम्र 27 साल और पेशा मीडिया प्रोफ़ेशनल. इस नौजवान ने पूरे एक साल और दो महीने बाद चैन की सांस ली है. उसका नाम मुंबई की तमाम अखबारों में है. हालांकि कुबेर ने ना तो किसी एग्ज़ाम में टॉप किया है और ना किसी ग़लत वजहों से उसका नाम अखबारों में छापा है. लेकिन कुबेर की कहानी दूसरों से अलग ज़रूर है.
दरअसल, कुबेर ने 14 महीने पहले अपनी खुद्दारी की जो लड़ाई शुरू की थी, उसमें उसे अब जाकर जीत हासिल हुई है. जीत भी ऐसी-वैसी नहीं, बल्कि सीधे बांद्रा कोर्ट से. वैसे तो कोर्ट में हर रोज़ नामालूम कितने ही मुकदमों में जीत-हार का फ़ैसला होता है, लेकिन इस नौजवान की लड़ाई के मुद्दे ने उसे जीत मिलते ही रातों-रात मशहूर कर दिया है. और तो और सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर भी लोगों ने उसकी बहादुरी की दाद देनी शुरू कर दी है.
क्या आप जानना नहीं चाहेंगे कि कुबेर ने किससे और किस बात पर ये लड़ाई लड़ी? तो सुनिए, कुबेर का ये धर्मयुद्ध किसी और से नहीं, बल्कि मुंबई में क़ानून के मुहाफ़िज़ों यानी पुलिसवालों से थी और मुद्दा था, अपनी ही गर्लफ्रैंड को गले लगाना और किस करना. अब आप सोच रहे होंगे कि भला अपनी ही गर्लफ्रैंड को गले लगाने या किस करने से भला कौन सा कानून टूटता है? वो भी तब जब दोनों बालिग हैं और अपनी मर्जी से एक-दूसरे के साथ वक़्त गुज़ार रहे हैं? लेकिन जब आप कुबेर की पूरी कहानी सुनेंगे, वाकई चौंक जाएंगे.
क्या है कुबेर की पूरी कहानी
बात 14 महीने पुरानी है. मुंबई में एक ब्वायफ्रैंड अपनी गर्लफ्रैंड को छोड़ने जा रहा था. उसकी गर्लफ्रैंड कुछ दिनों के लिए मुंबई से बाहर अपने घर जा रही थी. इसके बाद जैसे ही दोनों के बिछड़ने का वक्त आया ब्वायफ्रैंड ने अपनी गर्लफ्रैंड को गले लगाया और उसे किस किया. इत्तेफाक से उस वक्त कुछ पुलिसवाले ये मंज़र देख रहे थे. बस यहीं से वो 'किस' कोर्ट के कटघरे में पहुंच गया.
दरअसल, उस रोज़ कुबेर अपनी दोस्त को सी-ऑफ़ करने घर से निकला था. इस दौरान दोनों जैसे ही रिक्शे तक पहुंचे, माहौल थोड़ा इमोशनल हो गया. कुबेर ने अपनी दोस्त को गले लगाया और प्यार से उसके गालों को चूम लिया. लेकिन अपनी दोस्त से मुहब्बत का ये इज़हार कुबेर को तब भारी पड़ गया जब कार्टर रोड पर तैनात पुलिसवालों ने कुबेर को इस हरकत पर ये कहते हुए पकड़ लिया कि वो सार्वजनिक जगह पर अश्लील हरकत कर रहा है.
कुबेर ने तब उन पुलिसवालों को लाख समझाने की कोशिश की, ये सिर्फ़ भावनाओं के इज़हार का एक तरीका भर है, अश्लीलता नहीं. लेकिन पुलिसवालों ने उसकी एक नहीं सुनी. पहले उसे थाने ले जाया गया और फिर कहा गया कि अगर उसने 1200 रुपए जुर्माना नहीं भरा, तो उसे ना सिर्फ़ सारी रात हवालात में गुज़ारनी होगी, बल्कि उसके खिलाफ़ मुकदमा चलाते हुए उसे अदालत में पेश किया जाएगा.
और पुलिस को लौटाना पड़ा जुर्माना...
अब ज़ाहिर है रात को हवालात में रुकना किसी को भी अच्छा नहीं लगता, लिहाज़ा कुबेर ने तब 1200 रुपए जुर्माना भरना ही ठीक समझा. लेकिन तभी उसने पुलिसवालों को अपने इरादे बता दिए थे. दरअसल, उसने ठान लिया था कि पुलिस की इस ज़्यादती के खिलाफ़ वो अदालत का दरवाज़ा ज़रूर खटखटाएगा.
इसके बाद उसने पुलिसवालों के खिलाफ़ अदालत में एक शिकायत दाखिल की और अदालत ने पुलिसवालों को तलब किया. पुलिसवालों ने अपनी बात रखने के साथ-साथ इस सिलसिले में तीन चश्मदीद को भी अदालत में पेश किया. लेकिन पुलिसवालों से लेकर चश्मदीद तक, कोई भी अदालत को ये समझाने में कामयाब नहीं हो सका कि कुबेर ने कार्टर रोड पर जो कुछ किया था, वो वाकई अश्लील हरकत थी. लिहाज़ा अदालत ने ना सिर्फ़ कुबेर को बेगुनाह करार दिया, बल्कि पुलिस को भी जुर्माने की रकम लौटने के हुक्म दिए.
अपनी मुहबब्त को पाक-साफ निकाल ले गया कुबेर
मुंबई पुलिस एक्ट के सेक्शन 110 के मुताबिक़ कोई भी पुलिस अधिकारी किसी भी शख्स को सार्वजनिक जगह पर अश्लील हरकत करते हुए पाने पर उस पर कार्रवाई कर सकता है और अगर किसी को पुलिस की कार्रवाई सही ना लगे, तो वो अदालत में अपनी बेगुनाही साबित कर जुर्माने की रकम वापस हासिल कर सकता है.
कुबेर ने ऐसा ही किया. उसने अदालत में अपनी बात रखी. बताया कि किस तरह उसने सिर्फ़ अपने प्यार का इज़ार करने के लिए अपनी दोस्त को किस किया था. उसकी कोशिश रंग लाई और पूरे 14 महीने तक कोर्ट-कचहरी का चक्कर लगाने के बाद फैसला उसके हक में आया. बहुत मुमकिन है कि कुबेर ने अपनी इस लड़ाई में 1200 रुपए से कहीं बहुत ज़्यादा रुपए खर्च दिए होंगे, लेकिन कानून की चौखट से वो अपनी मुहबब्त को पाक-साफ निकाल ले गया.