महाराष्ट्र में देवेन्द्र फडणवीस सरकार के 3 साल पूरे होने पर मुंबई के आईटीसी ग्रैंड सेंट्रल होटल में आजतक ने 'मुंबई मंथन' का आयोजन किया. कार्यक्रम में सरकार के बखान और कमियों पर मुंबई मंथन के मंच से राज्य के सियासी दिग्गजों ने अपनी बात रखी, तो बॉलीवुड के सितारों ने भी अपनी कहानियां सुनाईं.
आखिरी सेशनः महाराष्ट्र सरकार के तीन साल!
महाराष्ट्र सरकार के तीन साल पूरे होने पर आजतक के कार्यक्रम मुंबई मंथन में मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने अपनी बात रखी. महंगाई, किसानों की आत्महत्या, जीएसटी, अच्छे दिन और सरकार के वादों के सवाल पर फडणवीस ने कहा कि सरकार की नीतियां सही हैं. जीएसटी देश का सबसे बड़ा टैक्स सुधार है. पेट्रोलियम को को GST में लाना ही पड़ेगा और इसके लिए राज्यों में सहमति बनानी होगी.
'राहुल को जुमलेबाजी नहीं करनी चाहिए'
राहुल गांधी के गब्बर सिंह टैक्स के आरोपों पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता को ऐसा नहीं कहना चाहिए. मैं भी ऐसा कह सकता हूं कि VAT का मतलब वाड्रा एडेड टैक्स... IT का मतलब इंदिरा गांधी टैक्स... लेकिन ऐसा नहीं कहना चाहिए. जब बदलाव आएगा तो थोड़ी मुश्किल होगी.
महाराष्ट्र में किसानों की आत्महत्या के सवाल पर उन्होंने कहा कि ये 20 साल से चल रहा है. इस स्थिति को बदलना ही होगा. हमने इसको बदलना शुरू कर दिया है. जो महाराष्ट्र एग्रीकल्चर में पिछड़ा हुआ था. ग्रोथ निगेटिव में था. हमने इसमें निवेश बढ़ाया है. 1 लाख 10 हजार से कुएं तैयार किए हैं. रबी की फसल का रकबा बढ़ा है. हमारी कृषि का ग्रोथ प्लस में हुआ है. इसके बावजूद इसकी कमियां दूर करने में समय लगेगा.
1 करोड़ से ज्यादा किसानों का बायोमैट्रिक रजिस्ट्रेशन
उन्होंने कहा कि जल संधारण का रकबा भी बढ़ा है. हमारे तीन सालों में दो साल सूखे से पीड़ित रहे हैं. इसके बावजूद हमने निवेश किया है और पानी का संरक्षण किया है. किसानों की कर्जमाफी पर पैसा न मिलने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हमने 1 करोड़ से ज्यादा किसानों का बायोमैट्रिक रजिस्टर किया है. इससे फर्जी अकाउंट्स कम हुए हैं.
अच्छे दिनों और भ्रष्टाचार के आरोपों पर देवेन्द्र फड़णवीस ने कहा कि आरोप तो कोई भी लगा सकता है. हमारी सरकार संवेदनशील है. पंकजा मुंडे पर जो आरोप लगे वो हाईकोर्ट में टिक नहीं पाया. हमने हर आरोप की जांच कराई है. हमारे ऊपर आरोप लगाने वाले सबूत नहीं दे पाते हैं. जिस दिन भी हम करप्शन करेंगे, उस दिन हम मुंह नहीं दिखाएंगे.
भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कसेंगे नकेल
भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने कहा कि चार मामलों में हमने चार्जशीट दाखिल की है. उनमें यह भी कहा है कि इनके लिए हम सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल करेंगे. कोई बचेगा नहीं.
एनसीपी के साथ गठबंधन के सवाल पर उन्होंने कहा कि एनसीपी के साथ कोई गठबंधन नहीं है. महाराष्ट्र की राजनीति में कुछ चीजें है जिनका कोई स्पष्टीकरण नहीं है. जैसे शिवसेना हमारी सरकार के साथ है, लेकिन वो नौ जिलों में कांग्रेस के साथ है. मैं शिवसेना का मुखपत्र सामना नहीं पढ़ता.
शिवसेना को सुझाव देना हमारा हक
शिवसेना के विरोध पर उन्होंने कहा कि सुझाव देना हमारा हक है. अगर मुझे सलाह देना हो, तो मैं कहूंगा कि एक साथ सत्ता में भी रहेंगे और विपक्ष भी बनने की कोशिश करेंगे, तो ऐसा जनता को पसंद नहीं आता.
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की जनता ने ऐसा मैंडेट दिया है. शिवसेना के नेता को तय करना है कि वो जो कर रहे हैं क्या वो जनता को पसंद आएगा. मुझे ऐसा लगता है कि जनता हमारे साथ है. जो चीजें बाला साहेब को पसंद नहीं थी, उन्होंने मना किया, हमने माना.
'शरद पवार विकास के खिलाफ नहीं जाते'
शिवसेना और एनसीपी में से किसी एक को चुनने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम शिवसेना के साथ ही जाएंगे. एक चीज कहना चाहूंगा कि शरद पवार कभी विकास के खिलाफ नहीं जाते. वे एक सीमा के बाद कभी विरोध नहीं करते.
नरेंद्र मोदी को फॉलो करने के सवाल पर देवेन्द्र फड़णवीस ने कहा कि नरेंद्र मोदी बनना आसान नहीं है. घर बार छोड़कर जिंदगी देनी पड़ती है, तब आदमी नरेंद्र मोदी बन पाता है. देश के इतने बड़े प्रभावी व्यक्ति, कम्युनिकेटर और प्रभावशाली व्यक्ति का बीजेपी के हर मुख्यमंत्री का रोल मॉडल होना चाहिए.
'बाल सफेद हो गए हैं, कलर लगाता हूं'
निजी जिंदगी में आए बदलाव पर फड़णवीस ने कहा कि मेरे बाल सफेद हो गए हैं. मैंने कलर किया है. हमारी राजनीति बहुत डिमांडिंग है. सोशल मीडिया पर सार्वजनिक जीवन वाले व्यक्ति की बड़ी कठोर स्क्रूटनी हो रही है. इसका भी बड़ा असर निजी जिंदगी में आया है.
दिल्ली की राजनीति के सवाल पर उन्होंने कहा कि अभी मेरी कोई लालसा नहीं है. जिस दिन पार्टी कहेगी, उस दिन सोचेंगे.
13वां सेशनः FTII के फ्यूचर प्लान
मुंबई मंथन में एफटीआईआई के चेयरमैन अनुपम खेर ने कहा कि मैं 37 रुपए लेकर मुंबई आया था. अब एफटीआईआई का चेयरमैन हूं. यदि ये हो सकता है, तो कुछ भी हो सकता है. अपने स्कूल या कॉलेज में कुछ बनकर जाना वाकई बड़ी बात है.
अनुपम ने कहा कि मैंने अकीरा कुरोसावा की फिल्म रोशोमन तीन बार देखी थी. एक दिन में तीन-तीन फिल्में देखता था. मेरी पहली फिल्म प्रीतीश नंदी की पोइम थी. मैंने दाढ़ी काट ली, लेकिन लोगों को कहा कि इससे इमोशन छिप जाते हैं. ये मेरा रिटायरमेंट का टाइम है. अब मुझे ख्यात, पॉपुलर गजब का एक्टर कहना बंद करो.
उन्होंने कहा कि मैं अनुपम खेर का बोझ लेकर एफटीआईआई नहीं जाना चाहता था. मैं बिना बताए एफटीआईआई गया. केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का एक दिन पहले फोन आया कि आपको एफटीआईआई की जिम्मेदारी संभालनी है.
अनुपम खेर ने स्पष्ट रूप से कहा कि गजेंद्र चौहान को एफटीआईआई का चेयरपर्सन बनाना सरकार का गलत फैसला था.
अनुपम ने कहा कि मैं आलोचनाओं से नहीं डरता. मैंने 508 फिल्में की हैं, यदि मैं आलोचनाओं से डरता तो आठ फिल्में भी नहीं कर पाता. मेरा अपना करियर है. मुझे किसी से कोई फर्क नहीं पड़ता. एफटीआईआई के स्टूडेंट मेरे साथ हैं.
उन्होंने कहा कि 40 साल पहले मैंने आठ स्टूडेंट से एक्टिंग का स्कूल शुरू किया था. 10 इन टू 8 के रूप में आज मैं इसे इस लेवल पर लेकर आया, क्या ये कोई मायने नहीं रखता? मुझे एफटीआईआई में स्टूडेंट से सीखना है. आज लोगों में असफलता का डर बहुत ज्यादा है.
खेर ने कहा कि आपका एटीट्यूड काम के प्रति आपको स्टार बनाता है. काम के प्रति एटीट्यूड मायने रखता है. लाखों लोग मुझसे ज्यादा काम करते हैं, लेकिन वे स्टार नहीं हैं.
12वां सेशनः सीक्रेट सुपरस्टार
अपनी फिल्म सीक्रेट सुपरस्टार में लीड भूमिका निभाने वालीं जायरा वसीम ने कहा, हमारी फिल्म को लेकर कई तरह की प्रतिक्रियाएं आई हैं. किसी ने इसे घरेलू हिंसा पर बनी फिल्म कहा तो किसी ने एक टीन एज के पैशन पर बेस्ड बताया. किसी ने इसे सामाजिक बुराई पर बनी फिल्म कहा.
उन्होंने कहा कि दंगल में फिजिकल टास्क है. इसमें हम एक मैसेज देते हैं, जो सोसायटी में होती हैं. ये चैलेजिंग था. हम सोसायटी को कुछ देना चाहते थे. इमोशन थे. सीक्रेट इमोशनल टास्क है.
जिंदगी कितनी बदली?
जायरा ने कहा कि लाइफ उतनी चेंज नहीं हुई. स्टार फैक्टर नहीं, प्यार बहुत ज्यादा है. फोन पर मैसेज आते हैं. ज्यादा बदलाव नहीं आया.
बॉलीवुड में स्पेशल कॉम्प्लिमेंट
फिल्म से जुड़े कई तारीफें हैं, एक नाम नहीं लूंगी. आमिर ने बेस्ट एक्ट्रेस कहा है, लेकिन मैं नहीं मानती हूं. मुझे पता है कि मेरी कमजोरी और ताकत क्या हैं. मैं अपने बारे में बहुत अच्छे से जानती हूं.
'आमिर कभी किसी नहीं डांटते'
कश्मीर के युवाओं के लिए कोई रोल मॉडल नहीं हूं. हमें कोई क्यों रोल मॉडल चाहिए. क्यों हमें एक प्रतिनिधि चाहिए. मेरा कोई रोल मॉडल नहीं है. न मैं किसी को मानना चाहती हूं. मैं इस पर भरोसा करती हूं कि किसी को हमें रोल मॉडल नहीं मानना चाहिए.
11वां सेशनः क्यूं डूबती है मुंबई?
मुंबई मंथन के 'क्यूं डूबती है मुंबई?' सेशन में गेस्ट सुचेता दलाल ने कहा कि मुंबई नगरपालिका को मेट्रो के लिए जमीन लेने में समस्या नहीं आती है. लेकिन बाढ़ और पानी के निपटारे के लिए उसे जमीन की समस्या नजर आने लगती है.
इससे पहले मुंबई के पुलिस कमिश्नर अजोय मेहता ने कहा कि मुंबई में बाढ़ और पानी निकासी की समस्या बहुत बड़ी है. इसे ठीक करने के लिए पूरा ड्रेनेज सिस्टम बदलना होगा. इसके लिए बहुत खर्चा होगा. शहरों और कॉलोनियों को बदलना होगा. झुग्गियों को हटना होगा. ऐसा करने में बहुत बड़ी प्रॉब्लम खड़ी हो जाएगी. इसके बजाय हम ड्रेनेज सिस्टम को ठीक कर रहे हैं. हालांकि कई सालों में एक बार जब बहुत ज्यादा बारिश होगी और हाईटाइड साथ आएगी, तो मुंबई को प्रॉब्लम होगी.
मोतीलाल ओसवाल सिक्योरिटीज के चेयरमैन मोतीलाल ओसवाल ने कहा कि मुंबई में अवैध कॉलोनियों की संख्या एक बड़ी समस्या है. इसे ठीक किये जाने की जरूरत है.
प्रोड्यूसर और डायरेक्टर शशि रंजन ने कहा कि मैं भी बाहर से आया हूं. लेकिन हमें मानना होगा कि देश में सबसे ज्यादा भ्रष्ट संस्था बीएमसी है. सड़कों पर अवैध अतिक्रमण है. 120 मीटर की सड़क 8 मीटर की रह गई है.
उन्होंने कहा कि अगर सालों की हेडलाइन देखें, तो एक ही खबर मिलेगी. आंदोलन करने और आवाज उठाने के बावजूद कोई काम नहीं होता. ये शहर खत्म हो रहा है. किसी के पास कोई विजन नहीं है.
शशि रंजन के आरोपों पर अजोय मेहता ने कहा कि परसेप्शन बनाया जा रहा है. बिनी किसी रिपोर्ट के कोई आरोप नहीं लगाया जाना चाहिए. क्या ट्रांसपैरेंसी इंटरनेशनल की रिपोर्ट आई है.
अजोय मेहता ने कहा कि 1980 के बाद से मुंबई की जनसंख्या में 30 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ी है. ये मुंबई की सबसे बड़ी समस्या है. साथ ही दूसरी संख्या है मुंबई का घनत्व. आप मुंबई में कुछ बना नहीं सकते. ये सवाल राजनीति के नहीं हैं. आप बीस साल से एक जगह रह रहे व्यक्ति को ये नहीं कह सकते कि तुम यहां से वहां जाओ.
शशि रंजन ने कहा कि मुंबई से ज्यादा गोवा में बारिश होती है. आप मुंबई की एक सड़कों पर जाइए और गोवा की सड़कों से उनकी तुलना कीजिए. आपको बात समझ आ जाएगी.
दसवां सेशनः सास, बहू से डिजिटल तक
मुंबई मंथन के 'सास, बहू से डिजिटल तक' सेशन में फिल्म अभिनेत्री ऋचा चड्ढा ने कहा कि फिल्मों का मॉडल अभी काम नहीं कर रहा. 3 करोड़ में भी फिल्म बनाऊं तो 5 करोड़ रिलीज पर लगाने होंगे. कई फिल्में रिलीज पर अटक जाती हैं.
वेब सीरीज इनसाइड ऐज में दिखाई दे रही हैं ऋचा ने कहा कि अगर मैं मसूरी में रहती हूं तो मसान जैसी फिल्म देखने के लिए देहारदून जाना होगा. डिस्ट्रीब्यूशन का पंगा है. इसलिए पिट जाती हैं छोटी बजट की फिल्में.
सेशन में ऋचा के साथ भाग ले रहीं गुल खान ने कहा कि वेब सीरीज हमारे पर्सनल च्वाइस पर निर्भर नहीं है. यह दुनिया की मांग है. इसमें डिस्ट्रीब्यूशन की समस्या नहीं है.
तन्हाइयां वेब सीरीज बनाने वाली गुल ने कहा कि लोगों को लगता था कि टीवी छोटा मीडियम है. लोग फिल्में करना चाहते थे, लेकिन अब समय बदल गया है. वेब सीरीज में आप एक ऐसा शो बना सकते हैं, जो सिर्फ घर का लड़का देखें. एक शो ऐसा बन सकता है जो सिर्फ सास देखे.
वेब सीरीज आइ डोन्ट वॉच टीवी बनाने वाले अभिनेता नकुल ने कहा कि मैं बहुत दिनों से अपना कंटेंट बनाने की सोच रहा था. हम एक्टर्स लेखकों पर निर्भर रहते हैं. टीवी की दुनिया बहुत अतरंगी है. तीन साल पहले जब मैं वेब सीरीज का आइडिया लेकर लोगों के पास गया तो लोगों ने कहा फोन में बना लो. रॉनी स्क्रूवाला को मेरा आइडिया पसंद आया. कंटेट पर निर्भर करता है कि लोग क्या देखना पसंद करेंगे.
2017 में परमानेंट रूममेट्स में काम करने वाले अभिनेता और लेखक सुमित ने कहा कि बहुत बदलाव आया है. अगर मैं इंटरनेट पर कुछ करना चाहता था तो प्रोड्यूसर्स को लगता था कि ये हमारी हॉबी है, हम सीरियस नहीं हैं. लेकिन हम सीरियसली काम करते थे. हमारे पास पैसा नहीं था उस समय, टीवी पर ऐसे शोज आते थे, जिसमें दिखाया जाता था कि 50 साल पहले क्या हुआ होगा. फिल्मों में भी अजीब चीजें (गाड़ियां उडा़नी) दिखाईं जा रही थी. रोजमर्रा की जिंदगी नहीं दिखाई जा रही थी.
नौवां सेशनः यंगिस्तान का दम!
मुंबई मंथन के सेशन 'यंगिस्तान का दम' में 'भारतीय राजनीति में वंशवाद एक सत्यता है...' के सवाल पर बीजेपी की पूनम महाजन ने कहा कि कभी-कभी ऐसा होता है कि परिवार में पिता कि विरासत बच्चों को ढोना पड़ता है. वंशवाद और विरासत में अंतर है.
वंशवाद के चलते क्या लोगों को राजनीति में आने को लेकर आसानी होती है के मुद्दे पर कांग्रेस की परिणीति शिंदे ने कहा कि यह सत्य है. ऐसा होता है. लोग चुनाव लड़ते हैं, तो वंशवाद में गलत क्या है. हालांकि वंशवाद का लाभ लेने वाले लोगों को तुलना का शिकार भी होना पड़ता है.
सोलापुर और सुशील कुमार शिंदे के क्षेत्र में वंशवाद के चलते फायदा मिलने के सवाल पर उन्होंने कहा कि आखिर में काम का ही फायदा मिलता है. बीजेपी की पूनम महाजन ने कहा कि राजनीति में वंशवाद है, लेकिन बीजेपी में नहीं. कोई यह नहीं बता सकता कि बीजेपी में अगला अध्यक्ष कौन होगा. कहा जा सकता है कि वंशवाद और लीगेसी में बड़ा महीन अंतर होता है.
पूनम महाजन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस देश में एक अलग तरीके की राजनीति शुरू की है. अब युवा राजनीति में आना चाहता है. वो पार्टियों के लिए फुटसोल्जर की तरह काम करता है. वो सोशल मीडिया पर पार्टियों के लिए काम करता है. हमारी लड़ाई चीन से हैं, जहां की आबादी की एक बड़ी संख्या युवा है.
अगली पीढ़ी के राजनीति में आने के सवाल पर दोनों नेताओं ने कहा कि मैं चाहती हूं कि यहां बैठे सभी लोगों के बेटे-बेटियां राजनीति में आएं.
आठवां सेशनः अजान करे परेशान!
मुंबई मंथन के आठवें सेशन 'अजान करे परेशान!' में गायक सोनू निगम ने कहा कि लाउड स्पीकर की समस्या मेरे स्टूडियो में है. हर इंसान का फर्ज बनता है कि जो उसे गलत दिखे वो आवाज उठाए उस तकलीफ का हिस्सा ना बने.
उन्होंने कहा कि अजान मामले में धर्म भी जुड़ गया था. भारत में लोग बात का मर्म नहीं समझते, उसे ऊपरी तौर पर देखते हैं. उसी ट्वीट में मैंने मंदिर, गुरुद्वारे के बारे में लिखा है, लेकिन अजान को हाइलाइट किया गया.
सोनू के कबहा कि 10 के बाद कोर्ट का ऑर्डर है आप आवाज नहीं कर सकते. सुबह हो या रात, जब शांति की बात हो तब आप आवाज नहीं कर सकते. बॉलीवुड भी बंट गया था उस ट्वीट पर. मैं हैरान हूं. मैं धार्मिक नहीं हूं, लेकिन मैं आस्तिक हूं. मुझे सबमें ईश्वर दिखता है. मैं सारे धर्म में विश्वास रखता हूं.
उन्होंने कहा कि मेरे करीबी दोस्त उस समय मेरे विरोध में आ गए. हालांकि सब इसके विरोध में नहीं थे. आज कई लोग मेरे कदम की सराहना करते हैं. मैं किस देश में रहता हूं. बात बात पर फतवा जारी होता है? मुंबई में मैंने सब कुछ देखा पाया. मैंने सीखा है कभी गलत संगत में ना रहो. मैं गलत लोगों के साथ नहीं घूमता. गाली देने वालों के साथ नहीं रहता. ट्विटर ऐसा प्लेटफॉर्म है, जहां कोई किसी को भी गाली दे सकता है.
सोनू ने बताया कि मैं सिंगापुर में था, लोगों ने पूछा कि सिनेमा हॉल में राष्ट्रीय गान होना चाहिए या नहीं. मैंने कहा- इसे आप रेस्टोरेंट, मूवी हॉल में बजाकर छोटा ना करिए. मैं अपने मां-बाप को वहां ले जाऊंगा जहां उनकी इज्जत होगी. मेरे हिसाब से थिएटर में राष्ट्रीय गान नहीं बजवाना चाहिए और अगर बज रहा है तो सबको खड़ा होना चाहिए. इसमें क्या एरोगेंस. मैं दूसरों के राष्ट्र गान के लिए भी खड़ा होऊंगा. मैं लेफ्टिस्ट नहीं हूं ना राइट विंग में हूं. मैं बीच में हूं.
'मुझे इंडस्ट्री में जल्दी कुछ नहीं मिला'
सोनू निगम ने कहा कि 'अच्छा सिला दिया' अच्छा हिट था. फिर काम नहीं मिल रहा था. 'फिर संदेशे आते हैं...' मिला. 'ये दिल दिवाना...' से मेरी पहचान बनी. मेरा करियर एक गाने से नहीं बना. जल्दी सफलता मिलती तो मुझसे पचती नहीं. अचानक सब मिलता तो मैं पागल हो जाता.
उन्होंने कहा कि इंसान की औकात नहीं होती कोई क्रेडिट लेने का. यूनिवर्स ही सबको देता है. लोग मेहनत करते हैं लेकिन भगवान ही सबको देते हैं. पहले लव लेटर्स बहुत आते थे. इंटरनेट आने के बाद बंद हो गया. whatsapp भी छोड़ दिया. बहुत ग्रुप बनते थे दोस्तों के इसलिए छोड़ दिया. पहले खून के लिखे लेटर्स भी आते थे. अब वो जमाना नहीं रहा. अब फेसबुक के जरिए लोग संपर्क करते हैं.
नए जमाने के गायकों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि आजकल अरिजीत, अरमान मलिक अच्छा गा रहे हैं. कई सिंगर्स गाना भी नहीं जानते, वो भी गा रहे हैं. मैंने रफी साहब को आदर्श माना, लेकिन उनकी तरह बनने की कोशिश नहीं की. सबकी अलग पहचान होती है. मैं खुद क्या चीज हूं, ये सोचना चाहिए.
मुंबई में हुई भारी बारिश पर सरकार को क्या कहना चाहेंगे? के सवाल पर उन्होंने कहा कि नागरिक के तौर पर कह रहा हूं, किसी से गिला शिकवा नहीं है. मुंबई सरकार 3 साल की हुई हैं. इनका प्रयास दिख रहा है. भविष्य में चाहूंगा कि यातायात और सड़क के हालात ठीक हों.
सातवां सेशनः महाराष्ट्र सरकार के 3 साल!
मुंबई मंथन के इस सेशन में शिवसेना के सांसद अरविंद सावंत, कांग्रेस के सांसद हुसैन दलवई और मुंबई बीजेपी के प्रेसिडेंट आशीष सेलार ने शिरकत की. नोटबंदी से आम लोग पर हुए नुकसान पर आशीष सेलार ने कहा कि हम इस बात को स्वीकार करते हैं कि नोटबंदी से थोड़ी तकलीफ हुई, लेकिन लोगों ने इसे स्वीकार किया. जनता ने तकलीफ स्वीकार करते हुए काले धन के खिलाफ लड़ाई में सरकार का सहयोग किया.
बीजेपी के इतर कांग्रेस और शिवसेना के सांसदों ने नोटबंदी के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि काला धन खत्म करने की बात थी, कितना काला धन खत्म हुआ. सारा पैसा सिस्टम में वापस आ गया. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा था कि फैसले को लागू करने के लिए गलत रास्ता चुना गया.
महाराष्ट्र राज्य में नोटबंदी से हुए नुकसान पर बीजेपी नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री ने पहले ही दिन जन धन योजना की शुरुआत की थी, गरीबों को अकाउंट दिया. जन धन योजना में विपक्ष को मदद करना चाहिए था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया.
मुंबई बीजेपी के प्रेसिडेंट ने कहा कि सरकार का काम रोजगार पैदा करना नहीं है. मुद्रा योजना में सरकार ने 4 करोड़ से ज्यादा युवाओं को रोजगार दिया है. क्या यह जॉब क्रिएशन नहीं है. रोजगार देने वाले लोगों को पैसा देने से रोजगार और बढ़ता है. हमारी सरकार यही कर रही है.
छठवां सेशनः नोटबंदीः क्या खोया, क्या पाया?
सेशन की मेहमान अरुंधति भट्टाचार्य ने चेयरमैन बुलाए जाने पर कहा कि एसबीआई में चेयरपर्सन का कोई प्रावधान नहीं है. नोटबंदी से 'क्या खोया क्या पाया' सवाल पर एसबीआई की पूर्व चेयरमैन ने कहा कि सारे देश को जिस समय पता चला यानी 8 नवंबर को ही सबको पता चला. हम लोगों को भी पहले नहीं पता चला. और यही सच है.
निर्णय सही था या गलत के सवाल पर उन्होंने कहा कि किसी भी बड़े फैसले के मूल्यांकन के लिए समय देना होता है. अभी तो एक साल भी नहीं हुआ है. इसलिए सही है या गलत अभी कहना सही नहीं होगा.
उन्होंने इसके दो रिजल्ट अभी तक देखने में आए हैं. टैक्सपेयर की संख्या में वृद्धि हुई है. टैक्सपेयर रजिस्ट्रेशन बढ़ा है. करेंसी इन सर्कुलेशन में जो बड़े नोटों का भाग था, वो घटा है. छोटे नोटों से हर रोज की खरीददारी चलती है. 2016 में छोटे नोटों का सर्कुलेशन में हिस्सा कम था और अब यह बढ़ गया है.
उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया इस बात पर भरोसा नहीं कर पा रही है कि हमने तीन महीने में ही इतना पैसा कैसे एक्सचेंज कर लिया. पूरा विश्व आश्चर्य में है. नोटबंदी से अर्थव्यवस्था को नुकसान पर भट्टाचार्य ने कहा कि बड़े फैसलों से शॉर्ट टर्म के नुकसान होते हैं. लेकिन लंबे समय में फायदा होता है.
नोटबंदी पर रघुराम राजन के बयान पर उन्होंने कहा कि कोई भी अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए स्वतंत्र है. किसी भी काम को करने के कई तरीके होते हैं. इस पर मेरी कुछ नहीं कहना है.
बैंकों के बैड लोन पर उन्होंने कहा कि लोन देने से ही इंस्फ्रास्ट्रक्चर बनता है. अर्थव्यवस्था के बढ़ने के लिए जरूरी है कि कंपनियों को पैसा दिया जाए. भट्टाचार्य ने कहा कि बैड लोन बढ़ने का कारण ये था कि सबसे ज्यादा प्रमोटर और बैंक पर लोन था, लेकिन किसी भी प्रोजेक्ट के पूरा होने में कई सारी चीजें होती है. भूमि अधिग्रहण और अन्य प्रोसेस बहुत उलझी होती हैं. अगर भूमि नहीं मिली, तो प्रोजेक्ट लटक जाएगा. लेकिन ब्याज तो चलता रहेगा. इसके लिए सिर्फ बैंक को दोष नहीं दिया जा सकता. सबकी जिम्मेदारी है.
क्या उद्योगपतियों को लोन देने के लिए बैंकों को नेताओं के फोन आते हैं? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि मेरे पास कभी फोन नहीं आया. ऐसा नहीं होता है. कभी किसी नेता का कोई फोन नहीं आया.
बैंकिंग सेक्टर में महिलाओं के शीर्ष पदों पर होने और पुरुषों के बने बनाए सीलिंग को तोड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि उदारीकरण के बाद बैंकिंग सेक्टर तेजी से बढ़ा. परिवार और समाज में बैंक की नौकरी को सेफ समझा जाता था और यही वजह थी कि महिलाएं तेजी से इस ओर मुड़ी और बैंकिंग सेक्टर में आज का परिदृश्य उसी का नतीजा है.
पांचवां सेशनः गोलमाल अगेन
'मुंबई मंथन' के चौथे सेशन गोलमाल अगेन की शुरुआत हंसी और ठहाके के साथ हुई. मशहूर फिल्म अभिनेत्री तब्बू ने कहा कि मैं इस फिल्म के सभी लोगों के लिए खुश हूं. मेरे लिए भी सबसे बड़ी हिट है. फिल्म में काम करना सबसे बड़ा रिवॉर्ड था. रोहित की 7वीं फिल्म है जिसने 100 करोड़ का बिजनेस किया है. 125 करोड़ रुपये का बिजनेस अभी तक कर लिया है.
अरशद- मुझे पता था ऐसा ही रिस्पॉन्स मिलेगा. फिल्म के लिए बहुत वक्त, मेहनत की गई थी. पता था ऑडियंस इसे प्यार करेगी. इतनी सफलता के बाद पार्ट 5 तो बनता है.
तब्बू- मैंने रोहित से गोलमाल 1 के बाद कहा था कि मुझे इस फिल्म का हिस्सा बनना है. मुझे बहुत अच्छा रोल मिला.
रोहित- क्रिटिक्स हमेशा बोलते हैं कि मैं कमर्शियल फिल्में बनाता हूं. हम ऑडियंस के हिसाब से फिल्में बनाते हैं. कमर्शियल बनाते हैं, जो क्रिटिक फ्रेंडली नहीं होती है.
अरशद- गोलमाल को मुगल ए आजम की तरह देखना चाहेंगे तो अच्छा नहीं लगेगा.
रोहित- आजकल बड़े पत्रकार फिल्म के फर्स्ट शो के दौरान लाइव ट्वीट करते हैं, जो पाइरेसी है.
चौथा सत्रः दाऊद का मुंबई कनेक्शन
मंथन-2017 आजतक के चौथे सत्र में पुलिस कमिश्नर, ठाणे परमवीर सिंह ने दाऊद इब्राहिम के भाई इकबाल कास्कर की गिरफ्तारी से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य उजागर किए. उन्होंने इस बात से इनकार किया कि अंडरवर्ल्ड मुंबई के बाद सबअर्बन में फैल गया है. उन्होंने कहा कि ये हमेशा से था और उसे काफी कम किया गया है. उन्होंने कहा कि अंडरवर्ल्ड का काम करने का तरीका आज भी तकरीबन वैसा ही है, हालांकि तकनीक का इस्तेमाल पुलिस से बचने के लिए अंडरवर्ल्ड करने लगा है. उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि लोग हवाई फायरिंग जैसी घटनाओं की रिपोर्ट तक नहीं करते.
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर एम एन सिंह ने कहा कि परमवीर सिंह के नेतृत्व में ठाणे पुलिस ने अंडरवर्ल्ड के खिलाफ काफी सराहनीय काम किया है. ठाणे पुलिस काफी एक्टिव है. एम एन सिंह ने कहा कि संगठित अपराध बिल्कुल बिजनेस हाउस की तरह काम करता है. 90 व 80 के दशकों जैसी अंडरवर्ल्ड की मौजूदगी आज नहीं है लेकिन दाऊद के परिवार जैसे बहन या इकबाल उसके नाम का इस्तेमाल कर पैसा बनाने का काम करते हैं. अंडरवर्ल्ड की कमर इस तरह तोड़ दी गई है कि 15 साल से वैसी स्थिति नहीं लौटी है और अगले 25 साल भी नहीं लौटेगी.
एमएन सिंह ने कहा कि दाऊद को भूल जाना चाहिए. आज दाऊद की कोई हैसियत नहीं है. वो खुद पाकिस्तान के कब्जे में है और जिस दिन भारत आना चाहेगा पाक द्वारा मार दिया जाएगा. उसकी जिंदगी पाकिस्तान के रहमोकरम पर है.
तीसरा सत्र: क्या बदल रही है कांग्रेस?
कार्यक्रम के तीसरे सेशन 'क्या बदल रही है कांग्रेस में' कांग्रेस नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि कांग्रेस पार्टी में जो भी चुनाव हुए हैं, वे लोकतांत्रिक तरीके से हुए हैं. पार्टी को अगर लगता है कि राहुल गांधी की लीडरशिप में जीत मिलेगी, तो पार्टी को निर्णय करने दीजिए. 91 के बाद लोग इकट्ठे होकर सोनिया गांधी के पास लोग गए थे, क्या लोगों को पता नहीं था.
गुजरात चुनाव में मुख्यमंत्री पद के लिए चेहरे के सवाल पर चव्हाण ने कहा कि कभी-कभी संगठन चुनाव लड़ता है, कभी पार्टी लड़ती है. 2019 के चुनाव पर उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था फिसल रही है और अगर ऐसा ही रहा तो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को विचार करना चाहिए कि क्या मोदी और जेटली की जोड़ी जाएगी. राहुल गांधी हमारी पार्टी के अध्यक्ष बनने जा रहे हैं और संभवतः हम उन्हीं की अगुवाई में चुनाव लड़ेंगे.
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले चुनाव में अर्थव्यवस्था मुख्य मुद्दा होगी. मोदी ने नोटबंदी के जरिए विपक्षियों पार्टी के वित्तीय ताकत पर हमला किया. ताकि चुनाव जीते जा सके. ये मोदी का पॉलिटिकल टारगेट था. नोटबंदी के जरिए उन्होंने ऐसा किया.
चव्हाण ने कहा कि मोदी ने मार्केटिंग के मामले में कांग्रेस को हरा दिया. ये हम स्वीकार करते हैं. जुनता के साथ जुड़कर सवाल उठाने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि हमने किसानों के मुद्दे पर सड़क पर आवाज उठाई और इसका असर हुआ.
अमित शाह के बेटे के कारोबार के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि नोटबंदी और काले पैसे के खिलाफ लड़ाई में शेल कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई हुई तो जय शाह की कंपनी के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हुई. हमें शक है. आपने जांच क्यों नहीं कराई?
बीजेपी के खिलाफ साथ आए सेकुलर दल
शरद पवार के साथ संबंधों पर उन्होंने कहा कि बीजेपी के खिलाफ सेकुलर पार्टियों को एक साथ आना चाहिए. चाहे एनसीपी हो या कोई और पार्टी सबको साथ आने चाहिए. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी साल के अंत तक पार्टी अध्यक्ष बनेंगे और उनकी अगुवाई में पार्टी आगे बढ़ेगी.
दूसरा सत्र: बीजेपी बनाम शिवसेना
'मुंबई मंथन' के दिन के दूसरे सत्र में महाराष्ट्र में सत्ता में साझीदार बीजेपी और शिवसेना आमने सामने बैठीं. बीजेपी के साथ रिश्ते पर शिवसेना के संजय राउत ने कहा कि बतौर 'सामना' का संपादक अगर मैं नहीं लिखूंगा, तो खबर नहीं मिलेगी. हमारा रिश्ता तीस साल से चल रहा है. आप क्यों जबरदस्ती कर रहे हैं रिश्ता तोड़ने के लिए... उन्होंने कहा कि हमारा रिश्ता हमेशा से ऐसे ही चल रहा है.
राऊत की जबान बोलते हुए बीजेपी नेता विनोद तावड़े ने कहा कि पिछले तीन साल में सरकार में कोई मतभेद नहीं है. कोई विवाद नहीं है. जीएसटी के सवाल पर संजय राउत ने कहा कि छोटे व्यापारी दुखी हैं. गुजरात में व्यापारी सड़क पर उतरे और सरकार को जीएसटी में बदलाव करना पड़ा. इस पर बीजेपी नेता विनोद तावड़े ने कहा कि जीएसटी का हर जगह विरोध हुआ है, लेकिन नतीजे बीजेपी के पक्ष में रहा है.
गुजरात में आंदोलनों के सवाल पर संजय राउत ने कहा कि सिस्टम बीजेपी के पास है. अमित शाह का गृह राज्य है. तो उन्हें जीतने से कोई रोक नहीं सकता है. अब देखना ये है कि जीत का अंतर कैसा रहता है. उन्होंने कहा कि जब सभी लोग नोटबंदी का समर्थन कर रहे थे, तब शिवसेना ने दूसरे ही दिन विरोध किया था. इसके बाद बीजेपी नेता विनोद तावड़े ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को चलाने के लिए लंबे समय में नोटबंदी ही काम आएगी.
राउत ने कहा कि देश में मध्य वर्ग की संख्या बहुत ज्यादा है. कुछ लोगों के पास संपत्ति है. अगर ये पैसा नहीं बंटेगा, तो क्या होगा. रोजगार कम होगा. यशवंत सिन्हा और चिदंबरम की बात सुने तो लगता है कि सच्चाई है.
बीजेपी से खतरे के सवाल पर राउतने कहा कि शिवसेना को खा नहीं सकता. शिवसेना, शिवसेना है. महाराष्ट्र में अभी सरकार नहीं है. हमारे समर्थन से सत्ता चल रही है, लेकिन हमारी सरकार नहीं है. तावड़े ने कहा कि बीजेपी और शिवसेना एक दूसरे के बिना कमजोर हैं. इसी तरह कांग्रेस और एनसीपी के साथ है. एक दूसरे की जरूरत के मौके पर हम साथ हैं, लेकिन पार्टी बढ़ाने के लिए हर कोई प्रयास करता है.
दिख रही है राहुल गांधी की लीडरशिप
इस पर संजय राउतने कहा कि किसी भी राजनीतिक पार्टी को खत्म नहीं किया जा सकता. ये देश बहुत संवेदनशील है. इसका स्वभाव चंचल भी है. हवा ऊपर नीचे होती रहती है. राउत ने कहा कि जनता किसी को भी पप्पू बना सकती है. राहुल गांधी को भी लोग सुन रहे हैं. जाहिर है कि राहुल गांधी की लीडरशिप दिख रही है.
शरद पवार बीजेपी के साथ नहीं जाएंगे
गठबंधन में वीटो पॉवर के सवाल पर संजय राउत ने कहा कि आज भी शिवसेना के पास वीटो पावर है, लेकिन हमारे साथ सरकार चलाने के लिए कोई जबरदस्ती नहीं है. राउत ने कहा कि शरद पवार साहब बीजेपी के साथ नहीं जाएंगे. राज्य और विधानसभा चुनाव में आप किसी के बारे में निश्चित नहीं सकते. हम तो देखना चाह रहे हैं महाराष्ट्र में नया गठबंधन कब होता है.
मोदी सरकार को अंक देने की जरूरत नहीं
मोदी सरकार को अंक देने के सवाल पर शिवसेना नेता ने कहा कि सरकार ठीक चल रही है. नंबर देने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि एक प्रक्रिया होती है. कश्मीर पर पहले क्या बोलते थे, अब आ गए ना बोली पर... कांग्रेस की भूमिका यही रही है. कांग्रेस की लाइन पर आने के सवाल पर बीजेपी नेता विनोद तावड़े ने कहा कि आज गोली के साथ बोली भी चल रही है. पहले ऐसा नहीं था.
पहला सेशनः कहां गया विपक्ष?
आजतक के कार्यक्रम मुंबई मंथन के पहले सेशन की शुरुआत 'कहां गया विपक्ष' से हुई. इस सेशन में मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने अपनी बात रखी. ठाकरे ने अपने कार्टून और अपने शुरुआती करियर की बात की. उन्होंने कहा कि मेरा करियर ही कार्टून बनाने से हुई.
राज ठाकरे ने कहा कि मीडिया अपनी भूमिका से ठीक से निभा रही है. एक कार्टून जिसमें मोदी और दाऊद को ठाकरे ने दिखाया था, उसके बारे में राज ने कहा कि इस देश में इमोशन बहुत प्रभावी है. ठाकरे ने कहा कि मुझे सूचना मिली है कि चुनाव लड़ने के लिए मोदी दाऊद को इंडिया लाना चाहते हैं, या फिर करगिल जैसा कोई छोटा मोटा युद्ध या फिर दंगे... ताकि चुनाव लड़ने में आसानी हो.
'दाऊद खुद भारत वापस आना चाहता है'
ठाकरे ने कहा कि दाऊद खुद भारत आना चाहता है. उसकी तबीयत खराब है और वो भारत आना चाहता है. अब ये सरकार उसको वापस लाना चाहती है. ऐसा क्यों? राज ने कहा कि मैंने इसीलिए कार्टून बनाया था.
मोदी के दावों पर सवाल उठाते हुए ठाकरे ने कहा कि गुजरात की गलत तस्वीर पेश की गई है. महाराष्ट्र आज भी उद्योगों के मामले में आगे हैं. कितनी बार आप झूठ बोलेंगे. सारा कच्चा चिट्ठा खुलकर सामने आ गया है. सोशल मीडिया पर सबकुछ खुलकर दिख रहा है.
किसी और PM को इतनी रैली करते हुए कभी नहीं देखा
राज ठाकरे ने कहा कि पहले किसी प्रधानमंत्री को इतनी रैली करते हुए नहीं देखा. उन्होंने कहा कि गुजरात से युवा नेतृत्व निकल कर आ रहा है, जो देश के लिए बढ़िया है.
मनसे चीफ ने कहा कि बीजेपी ने पूरी ताकत झोंक रही है. जिस तरह से योगी और अन्य नेता गुजरात में प्रचार कर रहे हैं. ऐसा नहीं ठीक नहीं लगता. अगर गुजरात में विकास हुआ है, तो फिर डरने की क्या जरूरत है. उन्होंने कहा कि बीजेपी के पास दिखाने के लिए कुछ नहीं है. इसीलिए ताजमहल पर विवाद खड़ा किया जा रहा है. ताजमहल को देखने का हर किसी का अपना नजरिया है.
बीजेपी को पहले कभी इतने वोट नहीं मिले!
बीजेपी की जीत पर राज ठाकरे ने कहा कि हमें इस पर गहराई से विचार करना चाहिए. ईवीएम में गड़बड़ी के मामले को देखा जाना चाहिए. दिल्ली की सरकार ने दिखाया भी था. लेकिन चुनाव आयोग ने उनको मशीन नहीं दिया. मशीन नहीं देंगे तो दिखाएंगे.
राज ठाकरे ने कहा कि बीजेपी को अभी तक इतने वोट कभी नहीं मिले. अचानक से ऐसा कैसे होने लगा. इसकी जांच होनी चाहिए.
मुंबई के लिए जरूरी नहीं बुलेट ट्रेन
बुलेट ट्रेन के विरोध पर मनसे प्रमुख ने कहा कि इस देश में रेलवे की व्यवस्था को ठीक किए जाने की जरूरत है. काकोदकर समिति की रिपोर्ट उपलब्ध है. रेलवे को सुधारने के लिए 1 लाख करोड़ रुपये की जरूरत है. फिर लोन लेकर बुलेट ट्रेन लाने की क्या जरूरत है. बुलेट ट्रेन लंबी दूरी के लिए ठीक हो सकती है, लेकिन मुंबई के लिए कोई जरूरी नहीं है.
देवेन्द्र फड़णवीस पर हमला बोलते हुए राज ठाकरे ने कहा कि मुख्यमंत्री की बोलने की औकात नहीं है. उनको बैठाया गया है. अभी हटा देंगे. उनकी कोई राय मायने नहीं रखती. अगर बुलेट ट्रेन चलानी है, तो आप गुजरात में चला लो.
मोदी और शाह के पास सबसे ज्यादा पैसा!
अपने दूसरे कार्टून पर राज ठाकरे ने कहा कि मोदी और अमित शाह के पास आज सबसे ज्यादा पैसा है. आज लक्ष्मी जी मोदी-शाह से पैसा मांग रही हैं कि मुझे पैसा दे दो, मुझे देश चलाना है. एक खबर का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कर्नाटक में रेड्डी नाम के बीजेपी नेता के पास 33 करोड़ रुपये से ज्यादा के नए नोट मिले. ये पैसा कहां से आया.
नोटबंदी क्यों की? मुझे समझ नहीं आया!
उन्होंने कहा कि मुझे आजतक समझ में नहीं आया कि ये नोटबंदी क्यों की. पहले एक इंजन बंद किया और अब कह रहे हैं कि धक्का मारो. सिर्फ 400 करोड़ रुपये के लिए नोटबंदी की थी? कहां गया काला धन और कहां गई वो फेक करेंसी. पहले तो मुझे इनके आंकड़े पर ही विश्वास नहीं की. कितना काला धन था. मुझे मालूम है कि बीजेपी ने अपने लिए रुपये प्रिंट करवाए हैं. किसी और पार्टी के पास पैसे नहीं हैं, लेकिन इनके पास पूरा पैसा है. चुनावों में कितना खर्च किया जा रहा है? इसीलिए लक्ष्मी देवी इन दोनों से पैसे मांग रही हैं.
मनमोहन सिंह ने देश को संभाला
राज ठाकरे ने कहा कि जब पूरी दुनिया में मंदी थी, तब मनमोहन सिंह ने देश को संभाला. आपने वो इंजन बंद कर दिया. अगर आपको काला धन खत्म करना था, तो आपके पास और भी साधन थे, लेकिन आज हमारी ऊर्जा बेसिक को ठीक करने में खर्च हो रही है.
राहुल से बीजेपी को डर लग रहा!
ठाकरे ने कहा कि आज गुजरात में राहुल की रैली में लोग उमड़ रहे हैं. इतने सारे मुख्यमंत्री क्यों जा रहे हैं गुजरात में. आज बीजेपी को राहुल गांधी से डर लग रहा है.
सोशल मीडिया को कंट्रोल करने की कोशिश
ठाकरे ने कहा कि सोशल मीडिया पर कंट्रोल किए जाने की कोशिशें हो रही हैं. माहौल बदल रहा है. जो लोग बोल रहे हैं उन्हें चुप कराने की कोशिश हो रही है. राज ने कहा कि मोदी मतलब देश नहीं है. देश यानी देश की जनता है. आपका विरोध देश का विरोध नहीं है.
उन्होंने कहा कि जब भी कोई रूलिंग पार्टी बनती हैं, ना तो उसे विपक्ष की कोई जरूरत नहीं होती है. वे खुद अपने लिए गड्ढा खोदते हैं. आप देख लो. इंदिरा गांधी, वीपी सिंह या मोरार जी देसाई कोई भी हो... केंद्र में जब भी कोई मजबूत सरकार आती है, तो वो खुद को संभाल नहीं पाती है.
मनसे प्रमुख ने कहा कि गुजरात चुनाव के बाद विपक्ष खुलकर सामने आएगा और ऐसा राष्ट्रीय स्तर होगा.