2019 के लोकसभा चुनाव से पहले राम मंदिर निर्माण का जिन्न एक बार फिर बोतल से निकल आया है. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत समेत दूसरे साधु-संत अयोध्या में जल्द ही राम मंदिर निर्माण की मांग कर रहे हैं. यहां तक कि मंदिर के लिए आंदोलन भी किए जा रहे हैं. ऐसे में सवाल ये भी उठ रहा है कि क्या आगामी आम चुनाव में राम मंदिर का मुद्दा केंद्र में रहेगा.
इस सवाल पर एनसीपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने आजतक के विशेष कार्यक्रम 'मुंबई मंथन' में जवाब दिया और कहा कि विकास का मुद्दा फेल हो गया है, इसलिए मंदिर का मामला सामने आ रहा है.
शरद पवार ने कहा, 'पिछले चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और उनके साथियों ने सिर्फ विकास की बात की. लोगों ने उस पर भरोसा किया और समर्थन दिया, लेकिन पिछले चार साल में जनता को कुछ मिला नहीं. अब जनता इनके विकास के नाम पर भरोसा करेगी नहीं, इसलिए राम मंदिर का मुद्दा सामने आ रहा है.'
पवार ने स्पष्ट कहा कि वो मंदिर के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन पूरे देश की राजनीति मंदिर के नाम पर करना भारत जैसे देश में ठीक नहीं है. इससे पहले उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव से लेकर महागठबंधन और मोदी सरकार के कामकाज पर अपने विचार रखे. इस दौरान उनसे जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल की सफलता के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वो सिर्फ मन की बात करते हैं और यही उनकी सफलता है.
वहीं, मोदी सरकार की कमजोरी पर जब शरद पवार से सवाल किया गया तो उन्होंने उनके मंत्रिमंडल पर ही सवाल खड़े कर दिए. पवार ने कहा, 'मोदी के पास टीम तो है, लेकिन उसके अंदर क्षमता नहीं है. ये टीम ठीक तरह से सरकार नहीं चला पा रही है.'