आजतक के खास कार्यक्रम मुंबई मंथन के खास सत्र 'भागवत की बात मानेंगे मोदी?' में AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और बीजेपी प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन आमने-सामने थे. दोनों नेताओं के बीच राम मंदिर के मुद्दे पर जबर्दस्त बहस देखने को मिली.
शाहनवाज हुसैन ने जहां राम मंदिर के मुद्दे पर हिंदुओं की आस्था का सवाल उठाया, वहीं ओवैसी ने आशंका जताई कि कोर्ट से विपरीत फैसला आया तो सबरीमाला की तरह राम मंदिर पर भी बीजेपी पलट जाएगी.
शाहनवाज हुसैन से पूछा गया कि क्या वे कानून के जरिए राम मंदिर बनाने की भागवत की बात सुनेंगे तो हुसैन का कहना था कि उनकी सरकार सबकी बात सुनती है और भागवत तो आरएसएस जैसे संगठन के प्रमुख हैं जो देश से प्यार करने वालों का संगठन है तो उनकी बात क्यों नहीं सुनी जाएगी. हालांकि जब उनसे पूछा गया कि अगर वे भागवत की बात सुनेंगे तो कोर्ट की बात कौन सुनेगा?
इसपर हुसैन का कहना था कि बीजेपी हमेशा से कोर्ट के फैसले का सम्मान करने की बात करती रही है. वो चाहती है कि दशकों पुराने इस मामले का जल्द से जल्द फैसला आए लेकिन कांग्रेस की ओर से लगातार ये कोशिश होती है कि इस मामले की सुनवाई टलती रहे.
दूसरी ओर ओवैसी का कहना था कि कोर्ट का फैसला राम मंदिर पर आ जाएगा लेकिन इस बात की क्या गारंटी है कि बीजेपी कोर्ट का वो फैसला मानेगी जो उसके खिलाफ आएगा. उन्होंने कहा कि हाजी अली दरगाह में महिलाओं की एंट्री का फैसला कोर्ट से आया और सबने उसे स्वीकार किया.
ओवैसी ने कहा कि महिलाएं हाजी अली दरगाह जाने लगीं लेकिन सबरीमाला पर क्या हुआ. सबरीमाला में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद महिलाएं मंदिर में नहीं जा पाईं. बीजेपी उनके विरोध में खड़ी हो गई. जब सबरीमाला पर बीजेपी का ये रुख है तो क्या गारंटी है कि राम मंदिर पर विपरीत फैसला आने पर बीजेपी उसे मानेगी और पलटेगी नहीं. मुंबई मंथन के मंच से एनसीपी के मुखिया शरद पवार, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सहित राजनीति, बॉलीवुड, खेल जगह के कई दिग्गजों ने अपनी बात रखी और सवालों के जवाब दिए.