scorecardresearch
 

मुंबई: बढ़ सकती हैं 'मुन्‍नाभाई' की मुश्किलें

केंद्र सरकार संजय दत्त को टाडा से मिली रिहाई के खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील की संभावनाओं पर विचार कर रही है.  इससे 'मुन्नाभाई' के लिए मुश्किलें एक बार फिर बढ़ सकती है.

Advertisement
X

केंद्र सरकार संजय दत्त को टाडा से मिली रिहाई के खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील की संभावनाओं पर विचार कर रही है. अगर सरकार की मंशा पर कानूनी सलाहकारों ने मुहर लगा दी, तो मुन्नाभाई के लिए मुश्किलें एक बार फिर बढ़ सकती है.

टाडा कानून के तहत दोषी नहीं
इस दिशा में अगर बात बढ़ी, तो मुन्नाभाई को एक बार फिर हवालात की हवा खानी पड़ सकती है. मुंबई धमाकों के आरोपी रहे संजय दत्त को जब मुंबई की टाडा अदालत ने टाडा कानून के तहत दोषी मानने से इनकार कर दिया, तो लगा कि संजू बाबा की मुश्किलें कम हो गई हैं. एके-56 जैसे खतरनाक हथियार रखने के आरोपी संजय दत्त को अदालत ने टाडा की बजाय सिर्फ आर्म्स एक्ट के तहत दोषी करार दिया और 6 साल की सजा मुकर्रर की गई.

अपील करने के मूड में सरकार
संजय दत्त ने सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की और फिलहाल वे जमानत पर हैं. टाडा कानून की गिरफ्त से निकल जाना ही संजय दत्त की मुश्किलों का बेहद कम हो जाने जैसा था, लेकिन संजय दत्त एक बार फिर घिरते नजर आ रहे हैं, क्योंकि केंद्र सरकार उन्हें टाडा कानून से मुक्त करने के ट्रायल कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील करने के मूड में है.

कानून मंत्रालय ने मांगी सलाह
कानून मंत्रालय ने अटॉर्नी जनरल औऱ सॉलिसीटर जनलर से इस बारे में राय मांगी है कि मुंबई बम धमाकों के मामले में संजय दत्त को टाडा कानून से मुक्त करने के ट्रायल कोर्ट के फैसले का असर कहीं दूसरे अभियुक्तों पर भी तो नहीं पड़ेगा? मतलब ये कि संजय दत्त को टाडा से मिली रिहाई को आधार बना कर कहीं इस मामले के दूसरे अभियुक्त बच तो नहीं निकलेंगे.

पहले भी हो चुका है विमर्श
हालांकि हम आपको ये बता दें कि केंद्र सरकार पहले भी इस बारे में राय-मशविरा कर चुकी है. 2008 में अटॉर्नी जनरल और सॉलिसीटर जनरल ने सरकार को कहा था कि सीबीआई की जांच में संजय दत्त के खिलाफ कोई ऐसे ठोस सबूत नहीं मिले हैं, जिसके आधार पर उनपर टाडा के तहत मुकदमा चलाया जाए. साथ ही टाडा से बरी करने का ट्रायल का कोर्ट का फैसला सही लगता है.

Advertisement
Advertisement