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गैंगरेप के लिए संस्कारहीन शिक्षा जिम्मेदारः मुंबई पुलिस कमिश्नर

दिल्ली गैंग रेप के बाद गैर जिम्मेदराना बयानों का सिलसिला अभी भी थमा नहीं है. ताजा मिसाल है मुंबई के पुलिस कमिश्नर सत्यपाल सिंह की. सत्यपाल सिंह का कहना है कि गैंग रेप जैसी वारदात के लिए शिक्षण संस्थान कसूरवार हैं.

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मुंबई पुलिस कमिश्नर
मुंबई पुलिस कमिश्नर

दिल्ली गैंग रेप के बाद गैर जिम्मेदराना बयानों का सिलसिला अभी भी थमा नहीं है. ताजा मिसाल है मुंबई के पुलिस कमिश्नर सत्यपाल सिंह की. सत्यपाल सिंह का कहना है कि गैंग रेप जैसी वारदात के लिए शिक्षण संस्थान कसूरवार हैं.

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संस्कारों की दुहाई देकर किस तरह से अपनी खाल बचाई जाती है, कोई मुंबई पुलिस के मुखिया से पूछे. पुलिस कमिश्नर सत्यपाल सिंह ने मजबूरी का नाम शिक्षा बता दिया और घोषणा कर दी कि देश को झकझोर देने वाले दिल्ली गैंगरेप के पीछे कुछ और नहीं, स्कूलों की पढ़ाई-लिखाई है.

कमिश्नर ने कहा कि दिल्ली के अंदर जो गैंगरेप हुआ वो अपसंस्कृति का परिणाम है. हमारे स्कूलों में जो शिक्षा दी जाती है, वो संस्कारहीन शिक्षा दी जाती है जीवन मूल्य कोई सिखाता नहीं है.

कोई सत्यपाल सिंह से पूछे, दिल्ली गैंगरेप कानून-व्यवस्था का मसला क्यों नहीं है. कमिश्नर सत्यपाल का दार्शनिक मन रात साढ़े नौ बजे हुई इस घटना को पुलिसिया लापरवाही का मुद्दा क्यों नहीं मानता? क्या सत्यपाल सिंह के जेहन में एक बार भी ये बात नहीं आई कि एक अनाम लड़की की मौत पर ऐतिहासिक जज्बात दिखा हुकूमत को हिला देने वाले बच्चे भी इसी देश के स्कूली परिवेश में पले बढ़े हैं.

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बाल की खाल निकालते हुए वर्दी को बेदाग ठहराने की कोशिश में सत्यपाल सिंह ने उसी तरह तर्क दिए जैसे एक झूठ को छिपाने के लिए कई झूठ बोलने पड़ते हैं.

उन्होंने पढ़ाई का आत्महत्या से संबंध के बारे में कहा, आत्महत्या अनपढ़ आदमी नहीं करता, यानी पढ़ने से  गड़बड़ हो रही है. ऐसी पढ़ाई पढ़ रहे हैं, जिससे आदमी आत्महत्या करने लग रहा है. जितने लोग आत्महत्या करने वाले हैं, ज्यादातर अंग्रेजी पढ़ने वाले करते हैं.

अनपढ़ लोग आत्महत्या नहीं करते और जो अंग्रेजी पढ़ते हैं वे आत्महत्या करते हैं. पता नहीं किस पढ़ाई ने कमिश्नर साहब को सिखाया है कि आंकड़ों के अंदर से अर्थ की जगह अनर्थ ढूंढे जाते हैं.

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