scorecardresearch
 

कैसे सफल होगी मोदी की बुलेट ट्रेन? मुंबई-अहमदाबाद की ट्रेनें रहती हैं 40% खाली

नरेंद्र मोदी सरकार जहां मुंबई से अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन चलाने की योजना पर आगे बढ़ रही है, वहीं एक आरटीआई (सूचना का अधिकार) आवेदन के जरिए यह जानकारी मिली है कि इस क्षेत्र की ट्रेनों में 40 फीसदी सीटें खाली रहती हैं, और इससे पश्चिम रेलवे को भारी नुकसान हो रहा है.

Advertisement
X
बुलेट परियोजना
बुलेट परियोजना

Advertisement

यूं तो मोदी सरकार मुंबई से अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन चलाने की तैयारी कर रही है. सितंबर में पीएम मोदी ने जापानी पीएम शिंजो आबे संग अहमदाबाद में देश की पहली बुलेट ट्रेन की नींव भी रख दी है. लेकिन इस ट्रेन से सफर कौन करेगा क्योंकि एक आरटीआई के तहत ये पता चला है कि इस क्षेत्र की ट्रेनों में 40 फीसदी सीटें खाली रहती हैं और इससे पश्चिम रेलवे को भारी नुकसान भी हो रहा है.

हर महीने 10 करोड़ रुपये का नुकसान

मुंबई के कार्यकर्ता अनिल गलगली को मिले आरटीआई (सूचना का अधिकार) के जवाब में पश्चिम रेलवे ने कहा है कि इस क्षेत्र में पिछले तीन महीनों में 30 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, यानी हर महीने 10 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.

बुलेट ट्रेन परियोजना की पर गंभीर सवाल

Advertisement

गलगली ने कहा कि यह बुलेट ट्रेन परियोजना की पर गंभीर सवाल खड़े करता है, चाहे जब भी इसका निर्माण किया जाए. उन्होंने कहा, 'भारत सरकार अति उत्साह में बुलेट ट्रेन परियोजना पर एक लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च करने जा रही है, लेकिन उसने अपना होमवर्क ठीक से नहीं किया है.'

खाली रहती हैं इस रूट पर ट्रेनों की सीटें

भारतीय रेलवे ने यह भी स्वीकार किया कि इस क्षेत्र में उसकी कोई नई ट्रेन चलाने की योजना नहीं है क्योंकि यह पहले ही घाटे में है. गलगली द्वारा पूछे गए सवाल कि दोनों शहरों के बीच की ट्रेनों की कितनी सीटें भरी होती हैं? पश्चिम रेलवे ने बताया कि पिछले तीन महीनों में मुंबई-अहमदाबाद क्षेत्र की सभी ट्रेनों में 40 फीसदी सीटें खाली रही हैं, जबकि मुंबई-अहमदाबाद के बीच चलने वाली ट्रेनों की 44 फीसदी सीटें खाली रही हैं.

पश्चिम रेलवे के मुख्य वाणिज्यिक प्रबंधक मनजीत सिंह ने आरटीआई के जवाब में मुंबई-अहमदाबाद-मुंबई मार्ग की सभी प्रमुख ट्रेनों की सीटों की जानकारी दी. इसमें दुरंतो, शताब्दी एक्सप्रेस, लोकशक्ति एक्सप्रेस, गुजरात मेल, भावनगर एक्सप्रेस, सुरक्षा एक्सप्रेस, विवेक-भुज एक्सप्रेस और अन्य ट्रेनें शामिल हैं.

इस क्षेत्र की सबसे लोकप्रिय ट्रेन 12009 शताब्दी एक्सप्रेस की मुंबई-अहमदाबाद मार्ग की क्षमता 72,696 सीटों की है, जिसमें से जुलाई-सिंतबर के दौरान केवल 36,117 सीटें ही भरी गईं, जबकि इसी ट्रेन की अहमदाबाद-मुंबई मार्ग पर कुल 67,392 सीटों में से केवल 22,982 सीटों की ही बुकिंग हुई.

Advertisement

सड़क मार्ग से सफर करना आसान

यह ट्रेन कभी सभी सीजन में भरी हुई होती थी, लेकिन अब यह घाटे में चल रही है. गलगली ने ध्यान दिलाया कि वर्तमान परिदृश्य को देखते हुए, जहां लोग विमान से अधिक सफर कर रहे हैं, दोनों शहरों के बीच सड़क मार्ग से सफर करना आसान हो गया है. केंद्र और गुजरात सरकार को बुलेट ट्रेन जैसे महंगे विकल्प की समीक्षा करनी चाहिए, ताकि यह भारतीय करदाताओं के लिए सफेद हाथी साबित नहीं हो.

Advertisement
Advertisement