भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी और समाजवादी पार्टी सदस्य मोहन सिंह को क्रमश: वर्ष 2008 और वर्ष 2009 के लिए सर्वश्रेष्ठ सांसद पुरस्कार के लिए चुना गया है. संसद की पुरस्कार समिति ने इन दोनों नेताओं का इस विशिष्ट पुरस्कार के लिए चयन किया. समिति इस शीर्ष सम्मान के लिए नामित उम्मीदवारों की सूची में से एक सदस्य का चयन करती है.
पुरस्कार समिति द्वारा लिए गए फैसले की सार्वजनिक रूप से घोषणा किए जाने से पूर्व इस पर अभी भारतीय संसदीय समूह की कार्यकारी समिति की मंजूरी की मोहर लगना बाकी है. समिति ने यह भी फैसला किया कि वर्ष 2007 के लिए सर्वश्रेष्ठ सांसद का पुरस्कार जीतने वाले कांग्रेसी सदस्य प्रियरंजन दासमुंशी चूंकि खराब स्वास्थ्य के चलते यह पुरस्कार हासिल करने की स्थिति में नहीं हैं तो यह पुरस्कार उनकी पत्नी तथा लोकसभा सदस्य दीपा दासमुंशी को प्रदान कर दिया जाए.
समिति सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि हर वर्ष यह पुरस्कार किसी एक ऐसे लोकसभा सदस्य को दिया जाता है जिसकी संसद में भूमिका विशेष उपलब्धियों और सदन की गरिमापूर्ण परंपराओं को आगे बढ़ाने में सहायक हो.
वर्ष 2008 और वर्ष 2009 के लिए सर्वश्रेष्ठ सांसद का पुरस्कार हासिल करने वाले दोनों नेताओं का लंबा तथा सम्मानित संसदीय कैरियर रहा है. 76 वर्षीय जोशी दो बार राज्यसभा के सदस्य रह चुके हैं और उत्तर प्रदेश की वाराणसी सीट से वह लोकसभा की पांचवीं पारी के लिए चुने गए हैं. अटल बिहारी वाजपेयी की 1996 में बनी 13 दिन की सरकार में जोशी गृह मंत्री तथा राजग के 1998 से 99 के शासनकाल में तथा फिर से 1999 से 2004 तक राजग की सरकार में मानव संसाधन विकास मंत्री रहे हैं.
जोशी की तरह ही मोहन सिंह ने भी उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद से अपने राजनीतिक कैरियर की शुरूआत की. 65 वर्षीय मोहन सिंह 14वीं लोकसभा समेत तीन बार लोकसभा के लिए चुने गए हैं. लेकिन 2009 में वह चुनाव हार गए. उत्तर प्रदेश विधानसभा के पूर्व सदस्य इस समय सपा के महासचिव और प्रवक्ता हैं.