अपनी पीढी के महानतम लेकिन सबसे विवादास्पद स्पिनरों में से एक श्रीलंका के दिग्गज मुथैया मुरलीधरन ने गुरुवार को 800 विकेट के अभूतपूर्व आंकड़े के साथ भावनाओं के सैलाब के बीच 18 साल के अपने टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया.
श्रीलंका ने भारत पर 10 विकेट की जीत के साथ अपने इस हीरो बेजोड़ विदाई थी जबकि इस 38 वर्षीय ऑफ स्पिनर ने मैच में आठ विकेट के साथ 800 टेस्ट विकेट के आंकड़े के साथ निजी तौर पर मैच को यादगार बना दिया. इस महान स्पिनर के लिए यह काफी भावुक मौका था जिन्हें मैच के दौरान दोनों टीमों के खिलाड़ियों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया.
मुरली के बेजोड़ कैरियर का जश्न मनाने के लिए प्रत्येक दिन मैच की शुरूआत से पहले पटाखे छोड़े गये और उनके परिजन भी इस लम्हे के गवाह बने. उन्होंने 133 टेस्ट में 800 जबकि 337 एकदिवसीय मैचों में 515 विकेट चटकाये जो खेल के दोनों प्रारूपों को सर्वाधिक विकेट का रिकार्ड है. {mospagebreak}
मुरली हालांकि अब टेस्ट मैचों में नहीं खेलेंगे लेकिन उन्होंने भारत, श्रीलंका और बांग्लादेश की मेजबानी में होने वाले 2011 एकदिवसीय विश्व कप में खेलने का विकल्प खुला रखा है. मुरलीधरन का कैरियर हालांकि विवादों से अछूता नहीं रहा है और उनके बेजोड़ कैरियर के दौरान अंपायरों ने उन पर गेंद थ्रो करने के आरोप भी लगाये. वह भले ही दुनिया के सबसे सफल गेंदबाज रहे हों लेकिन विवाद उनके कैरियर का अभिन्न हिस्सा रहे. आस्ट्रेलिया के खिलाफ 1992 में पदार्पण करने वाले मुरलीधरन अपने अजीब गेंदबाजी एक्शन के कारण जल्द की चर्चा का कारण बन गये. कैरियर की शुरूआत से ही उनका एक्शन हमेशा संदेह के घेरे में रहा और पदार्पण के तीन साल बाद 1995-96 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर अंपायर डेरेल हेयर ने थ्रो करने के लिए उनकी गेंद को नोबाल करार दिया.
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने इसके बाद पश्चिम आस्ट्रेलिया यूनिवर्सिटी में बायोमैकेनिकल विश्लेषण की सिफारिश की और पाया कि उनका एक्शन थ्रोइंग का भ्रम पैदा करता है. यह मामला हालांकि यहीं समाप्त नहीं हुआ और 1998-99 के आस्ट्रेलिया दौरे पर एक बार फिर उनके एक्शन पर संदेह जताया गया और इस बार रोस एमरसन ने उनके एक्शन पर सवाल उठाये. मुरली को इसके बाद परीक्षण के लिए पर्थ और इंग्लैंड भेजा गया जहां उनके एक्शन को सही करार दिया गया. {mospagebreak}
मुरली पर हालांकि इसका कोई असर नहीं पड़ा और वह वेस्टइंडीज के कर्टनी वाल्श के 519 विकेट के आंकड़ो को पार करके टेस्ट मैचों में सर्वाधिक विकेट चटकाने वाले गेंदबाज बने. आस्ट्रेलिया के दिग्गज लेग स्पिनर शेन वार्न के साथ मुरली की विकेट की जंग चली और दोनों के बीच कई बार सर्वाधिक विकेट का रिकार्ड अपने अपने नाम किया. वार्न ने 708 विकेट के साथ टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहा जिस आंकड़े को मुरली ने दिसंबर 2007 में इंग्लैंड के खिलाफ कैंडी में अपने घरेलू मैदान में पीछे छोड़ दिया.
मुरली इसके बाद 2009 में पाकिस्तान के दिग्गज तेज गेंदबाज वसीम अकरम के 502 गेंद के रिकार्ड को पीछे छोड़कर एकदिवसीय क्रिकेट में भी सर्वाधिक विकेट चटकाने वाले गेंदबाज बने. यह चैम्पियन स्पिनर 2007 विश्व कप में काफी कुछ नहीं कर पाया और अब यह देखना होगा कि वह 2011 विश्व कप में खेलकर अपनी टीम को दूसरा विश्व कप दिलाने में मदद करते हैं या नहीं.
उन्होंने कहा कि उनके लिए लंबे स्पैल फेंकना मुश्किल है और उनके ट्वेंटी-20 क्रिकेट में खेलते रहने की संभावना है. वह इंडियन प्रीमियर लीग में चैम्पियन चेन्नई सुपरकिंग्स की ओर से खेलते हैं जिसे दक्षिण अफ्रीका में सितंबर में ट्वेंटी-20 चैम्पियन्स लीग में हिस्सा लेना है.