scorecardresearch
 

21 लोगों का हत्यारा फांसी से बच गया

उसने 21 बेगुनाह लोगों को मौत के घाट उतारा है लेकिन उस पर उन हत्याओं के लिए मुकदमा नहीं चलेगा. बस उस पर सिर्फ एक हत्या का मामला चला और उसमें उसे उम्रकैद की सजा मिली है. यह मामला बेंगलुरु का है और एक अंग्रेजी अखबार ने इसकी जानकारी दी है.

Advertisement
X
Symbolic photo
Symbolic photo

उसने 21 बेगुनाह लोगों को मौत के घाट उतारा है लेकिन उस पर उन हत्याओं के लिए मुकदमा नहीं चलेगा. बस उस पर सिर्फ एक हत्या का मामला चला और उसमें उसे उम्रकैद की सजा मिली है. यह मामला बेंगलुरु का है और एक अंग्रेजी अखबार ने इसकी जानकारी दी है.

Advertisement

अखबार ने लिखा है कि शर्मा नाम के एक 54 वर्षीय शख्स, उसकी 49 वर्षीया पत्‍नी हर्षा और बेटे मंटो शर्मा को एक रिटायर्ड इंजीनियर की हत्या के आरोप में उम्र कैद की सजा दी गई है. उन लोगों ने बेंगलुरु के चमराजपेट के रहने वाले एसवी राघवन की 2008 में हत्या कर दी थी. उसके बाद उन पर मुकदमा चला और उन्हें उम्र कैद की सजा सुनाई गई. लेकिन पुलिस से पूछताछ के दौरान शर्मा ने स्वीकार किया कि उसने एक-दो नहीं बल्कि 21 लोगों की हत्या की है. उसने 1978 से 1981 के बीच महाराष्ट्र में ये हत्याएं की. उसके बाद वह बेंगलुरु में बस गया. वहां हत्या करने के बाद वह पुलिस के हत्थे चढ़ गया और उसने पुलिस इंस्पेक्टर केपी गोपाल रेड्डी के सामने स्वीकार कर लिया कि उसने महाराष्ट्र में कहां-कहां ये हत्‍याएं की हैं. रेड्डी उन हत्याओं का पता लगाने के लिए महाराष्ट्र गए लेकिन उन्हें वहां जाकर निराशा हाथ लगी क्योंकि महाराष्ट्र पुलिस ने सभी मामलों की फाइलें बंद कर दी थीं. उनकी फाइलें तक नष्ट कर दी गई थीं.

Advertisement

शर्मा ने बताया कि उसने पुणे के होटल आम्रपाली में चार लोगों की हत्याएं की थी. शर्मा हत्या करने के लिए क्लोरोफॉर्म का इस्तेमाल करता था. पहले वह अपने शिकार को बेहोश कर देता था और उसके बाद उन्हें छुरा मार देता था. कई बार वह बेहोश शिकार का गला घोंट देता था. शर्मा ने यह भी दावा किया कि उसने सोने के एक तस्कर इब्राहिम की गोली मारकर हत्या कर दी थी.

जिस मामले में शर्मा पकड़ा गया और उसे सजा हुई वह बेंगलुरु का है. वह रिटायर्ड इंजीनियर एसवी राघवन का किरायेदार था लेकिन उसने नौ महीनों तक किराया नहीं दिया. इसके बाद जब राघवन ने उस पर दबाव डाला तो उसने उसे अपने घर किराया देने के बहाने बुलाया. वहां उसने अपनी पत्नी और बेटे के साथ मिलकर तकिये से उसका गला घोंट दिया. इतना ही हीं उन्होंने उसके पेट में छुरा भी मारा. उसके शव को वे लोग तमिलनाडु के सूलीगेर गए जहां उसे जला दिया.

शर्मा ने कुछ जाली दस्तावेज भी तैयार कर लिए जिससे वह उस मकान का मालिक बन बैठा. राघवन के बेटे ने पिता की पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाई तो पुलिस हरकत में आई. शर्मा ने पुलिस को बताया कि राघवन एक औरत के साथ आया था और मकान की बिक्री के एवज़ में 50 लाख रुपए लेकर चला गया. पुलिस को उसकी बातों पर शक हुआ और उसने छानबीन शुरू की. शर्मा मंजा हुआ खिलाड़ी थी. वह पुलिस के सामने नहीं झुका. लेकिन राघवन का जला हुआ शव मिलने के बाद उसने सब कुछ उगल दिया. बाद में पुलिस ने जब सख्ती की तो उसने सभी 21 हत्याओं की कहानी सुना दी.

Advertisement
Advertisement