मुर्शिदाबाद में शिक्षक, उनकी गर्भवती पत्नी और 8 साल के बच्चे की हत्या के मामले में पुलिस ने दो लोगों को हिरासत में लिया है. पुलिस का कहना है कि इस मामले में कोई राजनीतिक दखल नहीं है. फिलहाल मामले की तफ्तीश जारी है. वहीं, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि यह अमानवीय घटना राज्य के कानून व्यवस्था की स्थिति को दर्शाती है. उन्होंने इस मामले की पूरी रिपोर्ट मांगी है.
वैसे तो पुलिस ने अंदेशा जताया है कि वारदात के पीछे निजी रंजिश हो सकती है. पुलिस बरामद हैंड नोट के आधार पर ये अंदेशा भी जता रही है कि आरएसएस कार्यकर्ता बंधु प्रकाश और उनकी पत्नी के बीच संबंध अच्छे नहीं थे. लालबाग मुर्शिदाबाद के एडिशनल एसपी तन्मय सरकार ने कहा कि इस मामले की जांच चल रही है. मृतक बंधु प्रकाश पाल सागर दिघी में रहते थे और वहां उन्होंने कुछ लोगों से पैसे लिए थे. इसको लेकर उनके बीच कुछ मामला चल रहा था, जिसके बाद बंधु जियागुंज चले गए थे. वह एक प्राथमिक स्कूल में टीचर थे.
घटनास्थल से हैंड नोट बरामद
शुरुआती जांच में किसी रिश्तेदार का हाथ हत्या में लग रहा है. इसमें एक से अधिक लोग शामिल हो सकते हैं. इस वारदात को तब अंजाम दिया गया जब पीड़ित अपना बचाव करने में असमर्थ थे. जांच के मुताबिक, पीड़ितों को जहर दिया गया और जब वे बेहोश हो गए तो उनकी हत्या कर दी गई. पुलिस ने घटनास्थल से एक हैंड नोट बरामद किया, जो गर्भवती महिला ब्यूटी पाल का हो सकता है. पुलिस का कहना है कि बरामद हैंड नोट से साफ है कि पति और पत्नी के बीच संबंध अच्छे नहीं थे. घटना के कई अलग-अलग एंगल सामने आ रहे हैं.
भाजपा ने ममता सरकार पर उठाए सवालबता दें कि 9 अक्टूबर को मुर्शिदाबाद में बंधु प्रकाश पाल, उनकी 8 महीने की गर्भवती पत्नी खुशबू और 8 साल के बेटे की हत्या हुई कर दी गई थी. तीनों की लाशें खून में सनी पड़ी मिलीं. मुर्शिदाबाद के कनाईगंज में रहने वाले बंधु प्रकाश पाल RSS की शाखाओं में जाते थे. इस मामले में RSS से लेकर BJP तक ममता सरकार पर सवाल उठा रहे हैं.