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मुशर्रफ का भारत-पाक के बीच शांति पर जोर

पहले कारगिल युद्ध छेड़ने के दुस्साहस और फिर शांति के लिये कश्मीर पर पर्दे के पीछे की कूटनीति करने के लिये पहचाने जाने वाले पाकिस्तान के पूर्व तानाशाह परवेज मुशर्रफ का अब मानना है कि दोनों पड़ोसी देश टकराव खत्म करें और शांति कायम करें.

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पहले कारगिल युद्ध छेड़ने के दुस्साहस और फिर शांति के लिये कश्मीर पर पर्दे के पीछे की कूटनीति करने के लिये पहचाने जाने वाले पाकिस्तान के पूर्व तानाशाह परवेज मुशर्रफ का अब मानना है कि दोनों पड़ोसी देश टकराव खत्म करें और शांति कायम करें.

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मुशर्रफ ने बीते सप्ताहांत सिएटल में किये भाषण में कहा, ‘हमें भारत और पाकिस्तान के बीच इस टकराव को रोकना होगा.’ ‘द सिएटल टाइम्स’ ने पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति के हवाले से खबर दी कि हमें विश्व के लिये शांति कायम करनी चाहिये क्योंकि विश्व हमें परमाणु टकराव हो सकने वाले खतरे के रूप में देखता है.

मुशर्रफ ने संवाददाता सम्मेलन में इस बात से इनकार किया कि पाकिस्तान ने भारत में आतंकवादी गतिविधियों को समर्थन दिया है. इसके बजाय उन्होंने भारत पर बलूचिस्तान सहित पाकिस्तानी क्षेत्रों में आतंकवाद का समर्थन करने का आरोप लगाया. मुशर्रफ अब लंदन में रहते हैं. इन दिनों वह व्याख्यान देने के सिलसिले में अमेरिकी यात्रा पर हैं.

मुशर्रफ ने जहां बराक ओबामा की अफगानिस्तान में अधिक सैनिक भेजने के लिये तारीफ की, वहीं उन्होंने उस देश से अपने सैनिकों को वापस लाने के लिये समय सीमा घोषित कर देने के लिये अमेरिकी राष्ट्रपति की आलोचना की. सिएटल में इकट्ठा हुए सैंकड़ों पाकिस्तानियों को उन्होंने तालिबानीकरण के खिलाफ आगाह किया और कहा कि इससे देश के समक्ष एक गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है.

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