पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ ने गीदड़ भभकी देते हुए कहा है कि भारत को पुलवामा हमले के बदले में पाकिस्तान के खिलाफ किसी कार्रवाई से बचना चाहिए क्योंकि अगर ऐसा हुआ तो उसे इसका करारा जवाब मिलेगा.
अंजना ओम कश्यप से बात करते हुए परवेज मुशर्रफ ने कहा कि भारत पाकिस्तान को कमजोर समझने की गलती न करे. मुशर्रफ ने कहा कि पाकिस्तान भूटान नहीं है जो भारत किसी भी तरह का एक्शन लेकर वापस निकल जाएगा. उन्होंने कहा कि हम भी आपको उतना ही मारेंगे जितना आप हमें मारेंगे.
मुशर्रफ ने कहा कि भारत के मीडिया और राजनेताओं को पाकिस्तान के खिलाफ माहौल बनाना बंद कर देना चाहिए. उन्होंने कहा कि वाजपेयी सरकार में भी 2002 में भारत ने 10 महीने तक सीमा पर सेना तैनात रखी उसके बाद क्या हुआ? भारत को पीछे हटना पड़ा. करगिल में भी हमने भारत को बराबर जवाब दिया.
मुशर्रफ ने कहा कि मनमोहन सिंह और अटल बिहारी वाजपेयी के साथ उन्होंने ही शांति की पहल की थी. उन्होंने कहा कि मौलाना मसूद अजहर मुजाहिद है या टेररिस्ट इसका फैसला हमको मिलकर बैठकर करना पड़ेगा. हमको उसकी भूमिका तय करनी पड़ेगी. मुशर्रफ के मुताबिक मसूद अजहर कश्मीरियों के दुश्मनों के साथ लड़ रहा है और वो दुश्मन भारत है.
मुशर्रफ ने कहा कि वो सीआरपीएफ के काफिले पर हमले का समर्थन नहीं करते. जिन जवानों ने अपनी जान गंवाई है उनके परिवार के साथ उनकी पूरी संवेदना है. लेकिन कश्मीर समस्या को हमें सुलझाना पड़ेगा. ये समस्या बैठकर, बातचीत कर सुलझाया जा सकती है. मुशर्रफ ने कहा कि आतंकियों और मुजाहिदों में फर्क है लेकिन भारत दोनों को एक ही नजरिए से देख रहा है.