प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने देश में महिलाओं के उत्पीड़न के बढ़ते मामलों पर गहरी निराशा जाहिर की है. प्रधानमंत्री ने कहा है कि महिलाओं को उत्पीड़न से बचाना हमारी जिम्मेदारी है.
'महिलाओं को नहीं मिला पूरा हक'
दिल्ली में राष्ट्रीय विकास परिषद की बैठक के दौरान मनमोहन सिंह ने कहा कि अभी हमारा देश महिलाओं को उनका पूरा हक नहीं दे पाया है. उन्होंने कहा कि इस दिशा में ठोस कदम उठाए जाने की जरूरत की.
'आधी आबादी' के बिना सार्थक विकास नहीं
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने महिलाओं की सुरक्षा को उच्च प्राथमिकता का मुद्दा करार देते हुए देश के सभी मुख्यमंत्रियों से इस ओर विशेष ध्यान के लिए कहा. प्रधानमंत्री ने गुरुवार को एनडीसी की बैठक में कहा, 'आधी आबादी की सक्रिय भागीदारी के बिना कोई भी सार्थक विकास नहीं हो सकता. जब तक सुरक्षा सुनिश्चित न की जाए, तब तक यह भागीदारी नहीं हो सकती.'
दिल्ली गैंगरेप पर जताई चिंता
प्रधानमंत्री ने 16 दिसम्बर को राजधानी में सामूहिक दुष्कर्म की शिकार युवती का जिक्र करते हुए कहा कि दोषियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. मनमोहन सिंह ने बैठक में मौजूद मुख्यमंत्रियों व वरिष्ठ मंत्रियों से कहा कि सरकार गम्भीरतम यौन उत्पीड़न के मामलों में कानून की समीक्षा पर विचार कर रही है.
मंदी से उबरना देश की प्राथमिकता
दूसरी ओर, आर्थिक मसलों पर प्रधानमंत्री ने कहा कि आर्थिक मंदी से उबरना हमारी पहली प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि 12वीं योजना में 8 फीसदी विकास दर का लक्ष्य रखा गया है. उन्होंने कहा कि बिजली से संबंधित प्रोजेक्ट जल्द मंजूर होने चाहिए. कृषि क्षेत्र का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इसमें देश का प्रदर्शन बेहतर रहा है. 12वीं पंचवर्षीय योजना पर विचार करने के लिए एनडीसी की 57वीं बैठक विज्ञान भवन में चल रही है.