उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में दो समुदायों के बीच भड़की हिंसा के बाद हालात तेजी से बेहतर होते देख गुरुवार को कर्फ्यू में सात घंटे की ढील दी गई है. सुरक्षा बलों को चप्पे-चप्पे पर तैनात किया गया है और उन्हें उपद्रवियों से कड़ाई से निपटने के आदेश दिए गए हैं.
मुजफ्फरनगर के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने गुरुवार को बताया कि सिविल लाइन, कोतवाली और नई मंडी में जारी कर्फ्यू में गुरुवार सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक के लिए ढील दी गई. इससे पहले बुधवार को पांच घंटे की ढील दी गई थी.
कर्फ्यू में ढील की घोषणा के बाद लोग घरों से बाहर निकलकर अपनी जरूरत के सामान की खरीदारी कर रहे हैं. बाजारों और दुकानों में चहल-पहल दिख रही है.
शर्मा ने कहा कि मंगलवार से अब तक जिले में कहीं पर हिंसा की नई घटना सामने नहीं आई है. हालात तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में है. कर्फ्यूग्रस्त इलाकों के साथ-साथ पूरे जिले में वरिष्ठ पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी हालात की निगरानी कर रहे हैं. पुलिस के साथ बड़ी संख्या में अर्धसैनिक बल और सेना के जवान प्रभावित इलाकों में लगातार गश्त कर रहे हैं.
उल्लेखनीय है कि मुजफ्फरनगर के कवाल इलाके में लगभग दो सप्ताह पूर्व छेड़छाड़ की एक घटना के बाद भड़की हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई थी. इसी घटना को लेकर शनिवार को महापंचायत बुलाई गई थी. महापंचायत से लौट रहे लोगों पर शरारती तत्वों द्वारा पथराव किए जाने के बाद जिले में हिंसा भड़क उठी. हिंसा जिले के शहरी एवं ग्रामीण इलाकों में तेजी से फैल गई थी.
अब तक हिंसा में आधिकारिक रूप से 38 लोगों की मौत की पुष्टि की गई है. 27 घायलों का मेरठ और मुजफ्फरनगर के अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है. 41 लोगों को अस्पताल से छुट्टी दे गई है.
राज्य के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) अरुण कुमार ने कहा कि हिंसा के संबंध में अब तक कुल 401 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. लगभग दो हजार हथियारों के लाइसेंस रद्द किए जाने का भी काम किया गया है.