क्या ऐसा हो सकता है कि किसी की हत्या हो जाए और कोई उस हत्या का गुनाह भी कबूल ले? पुलिस भी हत्या के आरोप में 2 लोगों को गिरफ्तार कर अपनी पीठ थपथपा ले और एक दिन बाद ही ये पता चले कि जिस हत्या पर इतना हंगामा था वो तो हुई ही नहीं.
ऐसा ही एक वाकया मुजफ्फरनगर में हुआ है. ऐसे ही डबल मर्डर केस में ट्विस्ट आ गया है. इलाके के अजीत और अंशु ने एक एक-दूसरे से प्यार किया. दोनों ने घरवालों की नाराजगी के बावजूद शादी भी कर ली. फिर खबर ये आई कि दोनों गायब हो गए. पुलिस को अजीत की लाश भी मिल गई. इस आरोप में पुलिस ने अंशु के भाई को गिरफ्तार भी कर लिया.
अंशु के भाई ने ये मान भी लिया कि उसने ये हत्या परिवार की इज्जत की खातिर की थी, लेकिन अंशु के भाई और पिता की गिरफ्तारी के एक दिन बाद ही अंशु और अजीत मुजफ्फरनगर थाने में पहुंच गए और ये दावा किया कि वो जिंदा हैं और सही सलामत भी. यह पूरा मामले पुलिस महकमे के तफ्तीश करने के तरीके पर बड़ा सवालिया निशान खड़ा करती है.