सरबजीत सिंह की लाहौर के एक अस्पताल में आज तड़के मृत्यु होने के बाद उनकी बिलखती हुई बहन दलबीर कौर मीडिया के सामने पहुंची.
उन्होंने कहा, ‘मेरा भाई हिंदुस्तान के लिए शहीद हो गया. जिस बात का हमें खौफ था वही हुआ. पाकिस्तान कायर है, बेईमान है.’ इसके बाद उन्होंने पाकिस्तान मुर्दाबाद का नारा भी लगाया.
दलबीर ने बताया, ‘जब मैं पाकिस्तान के अस्पताल में सरबजीत सिंह से मिलने पहुंची तो मुझे शक था कि मुझसे कुछ छुपाया जा रहा है. मैं वहां मिल रही जलालत सहन नहीं कर पा रही थी. जब भी मैं वहां के लोगों से सरबजीत की स्थिति की जानकारी लेने की कोशिश करती तो वो हंसते थे. नर्सें हंसती थीं. डॉक्टर हंसते थे. उन्हें लग रहा था कि बुद्ध बन कर परिवार पूछ रहा है. क्योंकि तब तक मेरा भाई इस दुनिया में नहीं था.’
वाजपेयी की पीठ में छुरा, मनमोहन को भी नहीं छोड़ा
उन्होंने कहा, इस दुख की घड़ी में पूरे हिंदुस्तान को एक हो जाना चाहिए. कभी वाजपेयी की पीठ पर छुरा मारा था आज मनमोहन सिंह की पीठ में छुरा मारा है. पाकिस्तान ने आपके साथ विश्वासघात किया है. पाकिस्तान पर हमला बोलो. मैंने पाकिस्तान में जा कर भी उन्हें ललकारा था.’
दलबीर कौर ने कहा, ‘सरकार ने अगर सही कदम उठाये होते तो आज सरबजीत का कत्ल नहीं होता. यह नरसिम्हा राव के बाद से लगातार लापरवाही बरती गई है. नरसिंहा राव अगर सही कदम उठा जाते तो मेरा भाई आज शहीद नहीं होता. आज शिंदे जी मुझे भरोसा देकर गए कि सरकार परिवार के साथ है. गृह मंत्री ने कहा कि उसे भारत लाया जाएगा और उसका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा.’
सरबजीत की रिहाई के लिए रुपये मांगे
सरबजीत की बहन ने कहा कि पाकिस्तान के लोग लालची हैं उन्होंने कई बार पैसे की मांग की, ‘बर्नी ने मुझसे कहा था कि 25 करोड़ अभी दो और सरबजीत सिंह को ले जाओ. कम से कम 2 करोड़ रुपये दो.’
सरबजीत की बहन ने पाकिस्तान के साथ सभी प्रकार के संबंध को तुरंत प्रभाव से खत्म किए जाने की मांग रखते हुए कहा, ‘पाकिस्तान से आने वाले किसी को वीजा नहीं दिया जाना चाहिए.’
गौरलतब है कि आज तड़के ही सरबजीत की मृत्यु कड़ी सुरक्षा वाले जेल में कैदियों द्वारा बर्बर हमला किए जाने के बाद पिछले छह दिनों तक अस्पताल में कोमा में रहने के बाद हुई.