दो महीने पहले अपने विश्व चैंपियनशिप खिताब का सफल बचाव करने वाले भारतीय ग्रैंडमास्टर विश्वनाथन आनंद ने अब अपनी निगाहें इस साल के अंत तक फिर से फिडे की नंबर एक की कुर्सी हासिल करनी है.
आनंद ने कहा, ‘‘ मैं विश्व चैंपियनशिप जीतना चाहता था और मैं इसमें सफल रहा. अब मेरी निगाहें इस साल के अंत तक से नंबर एक बनना है.’’ मई में बुल्गारिया के वेसलिन टोपालोव को हराकर अपने विश्व खिताब की रक्षा करने वाले आनंद ने कहा कि उनकी प्राथमिकता हालांकि अगले कुछ महीनों में बड़े टूर्नामेंट में जीत दर्ज करनी है.
आनंद ने ‘‘युवाओं के विकास में शतरंज की भूमिका’’ विषय पर आयोजित सेमीनार से कहा, ‘‘लेकिन मेरा मानना है कि मुझे स्कोरबोर्ड के बजाय बोर्ड पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि यदि मैं ऐसा करता हूं तो रैंकिंग में खुद ब खुद सुधार होगा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे आगे अगस्त, अक्टूबर और दिसंबर में स्पेन, चीन और लंदन में बड़े टूर्नामेंट खेलने हैं. मेरा जोर टूर्नामेंट में खेलना और उनमें जीत दर्ज करना है.’’
आनंद अभी 2800 ईएलओ अंक के साथ दुनिया में तीसरे नंबर के शतरंज खिलाड़ी हैं. वह अप्रैल 2008 के बाद पहली बार 2800 ईएलओ रेटिंग पर पहुंचे हैं. नार्वे के मैगनस कार्लसन (2826) पहले और टोपालोव (2803) क्रमश: पहले और दूसरे स्थान पर हैं.