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मेरी सरकार की साख गिरी है, लेकिन मैं नहीं जाउंगा: उमर

कश्मीर में मुश्किल हालात से जूझ रहे जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि हाल के घटनाक्रम से उनकी सरकार की साख और उनकी छवि पर आंच आई है, लेकिन वह अपनी जिम्मेदारियों से नहीं भागेंगे क्योंकि वह कोई कमजोर इंसान नहीं हैं.

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कश्मीर में मुश्किल हालात से जूझ रहे जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि हाल के घटनाक्रम से उनकी सरकार की साख और उनकी छवि पर आंच आई है, लेकिन वह अपनी जिम्मेदारियों से नहीं भागेंगे क्योंकि वह कोई कमजोर इंसान नहीं हैं.

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उमर ने कहा कि पत्थरबाजी की घटनाएं और घाटी में हड़ताल ‘एक व्यापक समस्या के लक्षण’ हैं. नियंत्रण रेखा के दोनों तरफ के लोगों को यह ‘खुराक’ दी गई है कि ‘जम्मू-कश्मीर में समस्या है जिसे हल किया जाना है.’ उन्होंने इस बात से असहमति जताई कि हालात नियंत्रण से बाहर हैं. उन्होंने कहा कि उनसे जो अपेक्षा की जा रही है उसे पूरा करने के लिए वह अपने तईं बेहतरीन कोशिश करेंगे.

उमर ने हिंसा की हाल की घटनाओं के बारे में एक अंग्रेजी पत्रिका से चर्चा करते हुए कहा, ‘सरकार की साख और मेरी अपनी छवि पर आंच आई है.’ उन्होंने इंगित किया कि चीजों को कुछ लोग पेचीदा बना रहे हैं. उन्होंने ऐसे लोगों की शिनाख्त नहीं की. उन्होंने कहा, ‘जब कोई शख्स कमजोर पड़ता है, यह इंसान की फितरत है कि वह कोशिश करता है और समस्या जटिल बनाता है.’

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उमर ने कहा, ‘शायद मेरे कुछ तथाकथित दोस्त सोचते होंगे कि मैं छोड़ कर भाग जाऊंगा और उनके लिए मैदान खाली कर दूंगा. लेकिन मैं कोई कमजोर इंसान नहीं हूं. मैं यहां नतीजा देने के लिए हूं और इसके लिए भरपूर कोशिश करूंगा.’ मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘मुश्किलों के इस दौर’ से ‘अहम सबक’ सीखने होंगे और वह ऐसा सिर्फ ‘वस्तुगत आलोचना’ से करेंगे ना कि ‘उन लोगों से जो मुझे, मेरे खानदान को या उस पार्टी को पसंद नहीं करते जिससे मेरा ताल्लुक है.’

उमर से जब पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती का इस बयान का जिक्र किया गया कि राज्य सरकार ने ‘लोगों से जंग छेड़ रखी है’ तो उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टी जिम्मेदारी से काम कर सकते थे और हिंसा तथा खूनखराबा के खात्मे के लिए कोशिश कर सकते थे. ‘लेकिन उन्होंने इसे और खराब करना पसंद किया.’

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