ये बात तब की है जब मैंने 12वीं का एग्जाम पास किया था. एग्जाम के बाद मैं अपनी आगे की पढ़ाई करना चाहता था. लेकिन मेरे पापा चाहते थे कि मैं बिजनेस संभालूं. जिसके लिए पापा ने मेरे लिए एक दुकान खुलवाना भी तय कर लिया था.
पापा के इस फैसले के बाद मेरी हिम्मत नहीं थी कि मैं उनसे कोई बात कह सकूं लेकिन मेरी मां ने मेरा पूरा साथ दिया. उन्होंने पापा से बात की जिसके बाद मैंने अपनी आगे की पढ़ाई की और एमएनसी में नौकरी की.
मेरा संघर्ष यहीं खत्म नहीं हुआ एमएनसी की जॉब के बाद मुझे नौकरी के लिए विदेश जाना था. इस बार पापा से जब पूछा तो उन्होंने ये कहते हूए साफ मना कर दिया कि हमारे खानदान से विदेश नौकरी करने कभी कोई नहीं गया. तुम्हें जो क रना है यहीं करो.
इस दौरान भी मां ने मेरा साथ दिया और पापा को समझाया. आखिरकार पापा मान गए और आज मैं स्कॉटलैंड में अकाउंटेंट के पद पर काम कर रहा हूं. मैं अपनी मां से बहुत प्यार करता हूं, आज जो भी हूं वो अपनी मां की वजह से हूं.
यह कहानी है तुषार मित्तल की. उन्होंने 12 वीं परीक्षा के बाद नौकरी करने से जुड़ा अपना अनुभव हमारे साथ साझा किया है.
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