आईपीएल में पाकिस्तानी खिलाड़ियों को शामिल करने के मुद्दे पर शिवसेना के हमले का सामना कर रहे फिल्म अभिनेता शाहरुख खान ने शनिवार को कहा कि यह दुख की बात है कि उनके बयान का गलत मतलब निकाला गया. इसके साथ ही शाहरुख ने यह भी साफ कर दिया कि इस विवाद को अपनी तरफ से सुलझाने के लिये वे बाल ठाकरे से मिलने नहीं जायेंगे.
लंदन से शनिवार को ही मुंबई पहुंचे शाहरुख ने हवाईअड्डे के बाहर कड़ी सुरक्षा के बीच संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे लगता है कि मैंने जो कहा, उसे गलत तरीके से पेश किया गया. मैं देशों के साथ अच्छे रिश्ते के पक्ष में हूं. मैं दूसरे देशों के पक्ष में नहीं हूं और अपने देश के साथ भी नहीं हूं. यह कैसे संभव है..?’’
यह पूछे जाने पर कि क्या वह आईपीएल के तीसरे संस्करण में पाकिस्तानी खिलाड़ियों को शामिल नहीं करने पर दिये गये बयानों को लेकर अपनी बात रखने के लिये शिवसेना सुप्रीमो बाल ठाकरे के घर ‘मातोश्री’ जायेंगे, शाहरुख ने कहा, ‘‘बाल ठाकरे वरिष्ठ नेता हैं और उन्हें जब भी बुलाया गया है वह उनके घर गये हैं.’’ खान ने कहा, ‘‘मैं वहां पहले भी कई बार गया हूं. हां, मैं वहां जाना चाहूंगा और उनके साथ कुछ पीना पसंद करूंगा, लेकिन इस मुद्दे पर मुझे नहीं लगता कि वहां जाने और कुछ कहने की कोई जरूरत है. फिर भी अगर मेरे नजरिये को किसी को समझाने की जरूरत है, तो मैं यह पहले ही कर चुका हूं. मुझे नहीं लगता कि अब इस बारे में और कुछ कहना बाकी है.’’
अपनी आने वाली फिल्म ‘माइ नेम इज खान’ को सेना समर्थकों से खतरे पर उन्होंने कहा, ‘‘अगर कुछ गलतफहमी है, तो हम इस मुद्दे पर गरिमापूर्ण तरीके से बातचीत कर सकते हैं.’’ ‘मुंबई सभी भारतीयों की है’ पर चल रहे विवाद पर शाहरुख ने कहा, ‘‘मैंने केवल उतना ही कहा, जो हर भारतीय को कहना चाहिये. यह संविधान में है. मैं बड़ी बातें नहीं करना चाहता. अगर मैं कुछ कहता हूं तो इसको तोड़ा-मरोड़ा और इसका गलत मतलब निकाला जायेगा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं जो कुछ भी हूं मुंबई की वजह से हूं. मैं मुंबई में हर किसी को खुश देखना चाहता हूं. मुझे लगता है कि जो कुछ भी हो रहा है वह दुर्भाग्यपूर्ण है. मैं समझता हूं कि सभी समूह मुंबईकर की खुशी चाहते हैं तब ऐसा वातावरण क्यों पैदा किया जा रहा है.’’
शाहरुख से जब यह पूछा गया उनकी टीम कोलकाता नाइट राइडर्स ने क्यों नहीं किसी पाकिस्तानी खिलाड़ी को चुना, उन्होंने कहा, ‘‘वहां केवल एक जगह थी और पाकिस्तानी खिलाड़ियों को लेने या नहीं लेने के लिये हमें किसी ने भी नहीं कहा. वहां जो वातावरण था, हमें उसका भी ख्याल रखना पड़ा.’’
नासडैक में घंटी बजाने के अनुभव पर शाहरुख ने कहा, ‘‘यह बहुत बड़ा सम्मान था. एक भारतीय के रूप में मुझे गर्व हो रहा था.यह सम्मान की बात थी लेकिन मैं सही मौके पर इसके लिये सही व्यक्ति भी था.’’ दुनिया के सबसे बड़े शेयर बाजार नासडैक में शाहरुख और काजोल कारोबार शुरू होने की घंटी बजाकर बॉलीवुड के पहले सितारे बन गये. यह सम्मान बड़ी कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को ही ज्यादातर दिया जाता है. 12 फरवरी को रिलीज होने जा रही ‘माइ नेम इज खान’ को प्रमोट करने के लिये बर्लिन लंदन और न्यूयॉर्क में फिल्म का प्रचार करने के बाद खान काजोल और करण जौहर के साथ लौट आये हैं.