इंडोनेशिया, ऑस्ट्रेलिया और हिंद महासागर से लगता त्रिकोणीय इलाका अब विमानों के लिए खतरनाक और रहस्यमय बनता जा रहा है. नौ माह पहले मलेशियाई विमान एमएच-370 और अब एयर एशिया का विमान . दोनों अचानक लापता हुए. एमएच-370 को ढूंढ़ने के लिए अब तक का सबसे बड़ा और खर्चीला सर्च ऑपरेशन चलाया गया, जो बेनतीजा रहा. पहले विमान में 239 और दूसरे में 155 यात्री सवार थे.
खास बात ये रही कि दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टेक्नोलॉजी भी इन विमानों का सुराग लगाने में नाकाम रहीं और पता नहीं चल पाया कि आखिर हुआ क्या? विमान का एक टुकड़ा नहीं मिला, ब्लैक बॉक्स तो दूर की बात. जिसमें विमान में हुई अंतिम बातचीत रिकॉर्ड रहती है. एमएच-370 को ढूंढने का अभियान जैसे-जैसे नाकाम होता रहा है, वैसे-वैसे अजीबो-गरीब कहानियां सामने आती रहीं. जैसे-
1. अमेरिका-इंडोनेशिया ने अपने संयुक्त सैन्य अभ्यास के दौरान गलती से मार गिराया.
2. आतंकी इसे अपहरण कर अंजान स्थान पर ले गए हैं, ताकि 9/11 की 13वीं वर्षगांठ पर किसी बड़ी इमारत से टकराया जा सके.
3. इसे सीआईए के स्पेशल ऑपरेशन के तहत हिंद महासागर में अमेरिकी सैन्य बेस डिएगो गार्सिया पर उतार लिया गया है और उसमें सवार लोगों को किसी खूफिया अभियान के लिए तैयार किया जा रहा है.
4. एक वेबसाइट ने तो यहां तक लिख डाला कि इसे किसी ऐसे आधूनिक हथियार से निशाना बनाया गया है, जो हवा से ही विमान को उठा लेने में सक्षम है, बिना कोई निशान पीछे छोड़े.
5. एक और थ्योरी जो सबसे ज्यादा चर्चित हुई, वह थी पायलट द्वारा जानबूझकर विमान को दुर्घटनाग्रस्त करने की.
हालांकि, AirAsia विमान के पायलट ने अंतिम समय में मौसम की खराबी का जिक्र करते हुए अपना रूट बदलने की इजाजत मांगी थी. लेकिन यदि विमान दुर्घटनाग्रस्त भी हुआ तो उसके कुछ तो निशान मिलने चाहिए.
ऐसा ही है बर्मूडा ट्राएंगल का रहस्य-
कैरेबियन आईलैंड के उत्तर में अमेरिका से सटा हुआ समुद्री इलाका कहलाता है बर्मूडा ट्राएंगल. पहले समुद्री डाकुओं के लिए कुख्यात रहा यह इलाका रहस्यमई दुर्घटनाओं के लिए भी चर्चित हुआ.
1. 1918 में यहां यूएसएस साइक्लो नामक कार्गो जहाज लापता हुआ, उसका मलबा भी नहीं मिला. न ही उस पर सवार 300 लोगों का पता चला.
2. 1945 को अमेरिका का बमवर्षक विमान यहां लापता हो गया. इस हादसे के ठीक पहले उसमें सवार एक पायलट ने रेडियो संदेश में बताया था कि अचानक दिशा बताने वाले कम्पास ने काम करना बंद कर दिया है और उसे पता नहीं चल रहा है कि वह कहां है. इस विमान की तलाश के लिए जिस विमान को भेजा गया, वह भी वहीं लापता हो गया. अपने 13 सदस्यीय क्रू के साथ.
3. पायलट ब्रूस गेरनन का अनुभव सबसे चौंकाने वाला था. वे 1970 में बहामास से अपना विमान लेकर फ्लोरिडा के लिए निकले. वे बताते हैं कि कुछ देर बाद उनका विमान सिगार के आकार के बादलों के बीच चला गया. अजीब यह था कि यहां उनके कम्पास की सुई चारों ओर तेजी से घूमने लगी. वे किसी तरह उस बादल से बाहर आए तो फ्लोरिडा के ऊपर थे. अपने नियत समय से करीब एक-डेढ़ घंटा पहले. बताया जाता है कि इस इलाके की ऊंची-ऊंची लहरें, भंवर और रहस्यमई मैग्नेटिक फील्ड दुर्घटनाओं की वजह बनती हैं. लेकिन अब तक इसका सटीक कारण सामने नहीं आया है. सिर्फ कहानियां ही हैं.