BSF कमांडेंट नबील की बहन के मामले में कॉलेज प्रशासन ने सफाई दी है कि उसे हॉस्टल खाली करने का कोई आदेश नहीं दिया गया था. कॉलेज प्रशासन का कहना है कि किसी मिस कम्युनिकेशन की वजह से नबील की बहन ने उन्हें अधूरी जानकारी दी थी.
गौरतलब है कि बीएसएफ में असिस्टेंट कमांडेंट के पद पर तैनात कश्मीरी युवक ने केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी को पत्र लिखकर इसकी शिकायत की थी. उन्होंने अपनी बहन को भी धमकी मिलने का दावा किया. जवान ने कहा कि लेफ्टिनेंट उमर फयाज की हत्या के बाद वो अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं.
BSF में असिस्टेंट कमांडेंट ने कहा कि चंडीगढ़ में उनकी बहन कॉलेज हॉस्टल में रह रही थी, लेकिन गर्मी की छुट्टियों में दूसरी लड़कियों की तरह उसे भी कॉलेज प्रशासन ने हॉस्टल छोड़ने के लिए कह दिया.
मेनका गांधी के दफ्तर को भेजी गई चिट्ठी के बाद मेनका गांधी के दफ्तर की तरफ से चंडीगढ़ के पास स्थित उस कॉलेज प्रशासन से संपर्क साधा गया जहां पर नबील की बहन निदा सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पिछले 3 साल से कर रही है.
निदा के कॉलेज की डायरेक्टर जनरल अरुणा भारद्वाज ने बताया कि मेनका गांधी के दफ्तर की तरफ से उनसे संपर्क साधा गया है और इससे पहले भी कॉलेज प्रशासन की तरफ से निदा को हॉस्टल खाली करने के लिए कोई भी आदेश नहीं दिया गया था. कॉलेज प्रशासन के अनुसार निदा अपनी पढ़ाई के छठे सेमेस्टर से सातवें सेमेस्टर में एडमिशन लेने वाली थी, ऐसे में सातवें सेमेस्टर में आने वाले तमाम स्टूडेंट से लिखित में हॉस्टल लेने को अपनी रजामंदी देने का नोटिफिकेशन कॉलेज प्रशासन की तरफ से जारी किया गया था.
कॉलेज प्रशासन का कहना है कि ये नोटिफिकेशन सिर्फ निदा के लिए नहीं, बल्कि कॉलेज के तमाम सातवें सेमेस्टर में आ रहे स्टूडेंट्स के लिए था, लेकिन किसी मिस कम्युनिकेशन की वजह से निदा ने अधूरी जानकारी अपने भाई को दी और उन्होंने इस तरह का एक ई-मेल मेनका गांधी के दफ्तर को लिख दिया.
निदा के कॉलेज की डायरेक्टर जनरल अरुणा भारद्वाज ने कहा कि फिर भी एहतियातन मेनका गांधी के दफ्तर से फोन आने पर कॉलेज प्रशासन ने निदा के हॉस्टल में रहने का तमाम बंदोबस्त पुख्ता तौर पर कर दिया है और सिर्फ निदा ही नहीं बल्कि निदा जैसे कई कश्मीरी स्टूडेंट्स इस कॉलेज में पढ़ाई कर रहे हैं.
कॉलेज प्रशासन ने हॉस्टल में उनकी सुरक्षा के तमाम बंदोबस्त भी अपनी तरफ से किए हैं. कॉलेज प्रशासन की तरफ से निदा को आश्वस्त किया गया है कि अगर उसे किसी भी तरह की परेशानी हो तो वो तुरंत ही कॉलेज की सीनियर अथॉरिटीज से मिलकर अपनी बात रखें.