गोवा के पूर्व पर्यटन मंत्री फ्रांसिस्को मिकी पचेको ने अपनी मित्र नाडिया टोराडो की मौत के मामले में आज मडगांव सत्र न्यायालय के समक्ष समर्पण कर दिया.
उच्चतम न्यायालय ने राकांपा नेता की अग्रिम जमानत याचिका एक जुलाई को खारिज कर दी थी जिससे उनके पास समर्पण करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा था.
अपने करीबी सहयोगी लिंडन मोंटेरियो (मामले में उनका भी नाम है) द्वारा सम्मनों का जवाब देने के लिए पुलिस के सामने पेश होने के कुछ मिनट बाद ही पचेको ने आज सुबह सत्र अदालत के न्यायाधीश यूवी बक्रे के सामने समर्पण कर दिया. उच्चतम न्यायालय ने लिंडे को अग्रिम जमानत प्रदान कर दी थी.
टोराडो (28) की कथित तौर पर जहर खाने के एक पखवाड़े बाद 30 मई को मौत हो गई थी जिसे 46 वर्षीय विधायक अपनी ‘‘करीबी मित्र’’ मित्र बताते थे.
अपराध शाखा ने पचेको के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया है जबकि विशेष ड्यूटी अधिकारी (ओएसडी) के खिलाफ साक्ष्य मिटाने का मामला दर्ज किया गया है.
अपराध शाखा द्वारा आठ घंटे तक पूछताछ किए जाने के एक दिन बाद पचेको ने पांच जून को कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था . इसके बाद वह गायब हो गए . विवादास्पद विधायक ने अपने वकीलों के जरिए सत्र अदालत उच्च न्यायालय और फिर उच्चतम न्यायालय से अग्रिम जमानत हासिल करने की कोशिशें जारी रखीं लेकिन विफल रहे. पुलिस ने अपराध शाखा कार्यालय के इर्द-गिर्द सुरक्षा कड़ी कर दी जहां पचेको के बहुत से समर्थक इकट्ठे हो गए.{mospagebreak}
इस बीच मांटेरियो लगभग एक महीने तक गायब रहने के बाद अपराध शाखा के सामने पेश हो गए. पूर्व में गोवा पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके मांटेरियो सुबह लगभग साढ़े दस बजे अपराध शाखा के कार्यालय पहुंचे.
मांटेरियो ने पुलिस के सामने पेश होने से पूर्व कहा ‘‘मेरा न्यायपालिका में पूरा विश्वास है . मैं नाडिया की मौत की जांच में जरूरी हर तरह का सहयोग करूंगा.’’ पचेको के सहयोगी को छह जून को सम्मन भेजा गया था. उन्होंने कहा कि वह छिप नहीं रहे थे लेकिन वह यहां से 25 किलोमीटर दूर वर्ना स्थित अपने घर में थे.
उन्होंने दावा किया ‘‘मैं अदालतों से अग्रिम जमानत मांगने में व्यस्त था. पुलिस मेरे घर पर एक बार सिर्फ उस समय आई जब मैं वहां नहीं था . वह दोबारा कभी नहीं आई.’
पुलिस द्वारा लगाए गए आरोप को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि वह सभी उपयोगी सूचना मुहैया कराने को तैयार हैं. उन्होंने कहा ‘‘मैं मामले से संबंधित कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता क्योंकि उच्चतम न्यायालय अब भी अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहा है जो तीन हफ्ते बाद फिर से आएगी.’’