scorecardresearch
 

नगा शांति समझौते पर बनी बात! अलग झंडा-संविधान समेत इन 3 बड़ी मांगों पर क्या निकला रास्ता

नगालैंड शांति समझौते पर केंद्र सरकार और नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड (NSCN) के बीच 22 साल पुरानी बातचीत खत्म हो चुकी है. ये बातचीत एक झंडे, अलग संविधान और नगा आबादी वाले सभी क्षेत्रों के एकीकरण को लेकर हुई. 

Advertisement
X
नगा संगठन के साथ बातचीत का प्रयास (फाइल फोटो-PTI)
नगा संगठन के साथ बातचीत का प्रयास (फाइल फोटो-PTI)

Advertisement

  • सरकार और नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड के बीच बातचीत खत्म
  • एनएससीएन (आई-एम) ने हाल में अलग झंडे और संविधान की मांग की थी

नगालैंड शांति समझौते पर केंद्र सरकार और नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड (NSCN) के बीच 22 साल पुरानी बातचीत खत्म हो चुकी है. ये बातचीत एक झंडे, अलग संविधान और नगा आबादी वाले सभी क्षेत्रों के एकीकरण को लेकर हुई.  

बताया जा रहा है कि इन मुद्दों पर दोनों पक्षों के बीच सहमति के साथ चर्चा हुई. परस्पर सहमति के साथ इन मुद्दों को किनारे रखने का फैसला किया गया है. बातचीत में शामिल एक अधिकारी से जुड़े सहयोगी सूत्र ने बताया कि नगा उग्रवादी संगठन अपने हथियार सरकार को सौंप सकते हैं. बताया जा रहा है कि वे आत्मसमर्पण कर सकते हैं.

बता दें कि पहली बैठक आखिरी बातचीत से पहले मुद्दों को हल्का करने के लिए रखी गई थी, न कि फैसले पर पहुंचने के लिए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंटरलॉक्यूटर और नगालैंड के राज्यपाल आर.एन. रवि के लिए शांति समझौते पर पहुंचने के लिए 31 अक्टूबर की तारीख तय की थी.

Advertisement

इस शांति समझौते की राह में कई बाधाएं मानी जा रही थीं. एनएससीएन (आई-एम) ने हाल में अलग झंडे और संविधान की मांग की थी जिसे केंद्र ने खारिज कर दिया था. इसके अलावा वह शुरू से ही ग्रेटर नगालिम की मांग कर रहा है. उम्मीद की जा रही थी कि इस स्थिति में केंद्र सरकार उसे छोड़ कर दूसरे नगा गुटों के साथ समझौते पर हस्ताक्षर कर सकती है. यह सवाल भी है कि क्या एनएससीएन के बिना ऐसा कोई समझौता स्थायी और कामयाब होगा?

Advertisement
Advertisement