साईं-शंकराचार्य विवाद के बाद इन दिनों गंगा किनारे बड़ी संख्या में नागा साधु इकट्ठा हो रहे हैं. इन नागा साधुओं से धर्म की रक्षा के लिए 'धर्म युद्ध' का आह्वान किया गया है. इसके तहत इन्हें धर्म का गौरव वापस लाने के लिए कहा गया है.
इसी के चलते देश के नागा साधुओं को बड़ी संख्या में इकट्ठा होने के लिए कहा जा रहा है. बीते कुछ दिनों से हरिद्वार और इलाहाबाद में नागा साधु-संत इकट्ठा हो रहे हैं. इस बाबत विभिन्न अखाड़ों के नेताओं से भी समर्थन मांगा गया है.
इन नागा बाबाओं से कहा गया है कि साईं को भगवान मानने वाले लोगों के विश्वास को तोड़ना है. नागा बाबाओं के बारे में मान्यता है कि ये लोग कुंभ शाही स्नान के अलावा हमेशा तपस्या में लीन रहते हैं. लेकिन इस बार उन्हें तपस्या छोड़कर धर्म के लिए लड़ाई लड़ने के लिए कहा गया है. देश में करीब 2 लाख नागा साधु हैं. जानकारों का मानना है कि नागा साधुओं के इस तरह इकट्ठा होने से कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है.
यह सारी कवायद शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद के साईं बाबा के बारे में दिए गए विवादित बयान के बाद हो रही है. गौरतलब है कि कुछ दिन पहले शंकराचार्य ने कहा था कि शिरडी के साईं बाबा मुसलमान थे, इसलिए हिन्दुओं को उनकी पूजा नहीं करनी चाहिेए. शंकराचार्य ने यह भी कहा था कि साईं बाबा को जिन लोगों ने भगवान घोषित किया था, वो लोग हिन्दू धर्म को कमजोर करना चाहते थे.