पूर्वोत्तर के तीन राज्यों में सरकार बनाने की प्रक्रिया तेज हो गई है. मेघालय में आज सरकार शपथ लेगी, वहीं नगालैंड में भी सरकार गठन की प्रक्रिया चल रही है. इस बीच बीजेपी ने अपने पुराने साथी नगा पीपुल्स फ्रंट (NPF) से 15 साल पुराना गठबंधन तोड़ दिया है. अब वह अपने चुनाव पूर्व गठबंधन सहयोगी एनडीपीपी के साथ मिलकर सरकार बनाएगी.
एनडीपीपी के वरिष्ठ नेता नीफियू रियो से मुलाकात करने के बाद भाजपा नेता और असम के वित्त मंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि उनकी पार्टी का एनपीएफ से अब गठबंधन नहीं है जो वर्ष 2008 से राज्य में सत्ता में रही थी.
सरमा ने कहा, “ मैं आधिकारिक रूप से कह सकता हूं कि हमारा एनपीएफ के साथ गठजोड़ नहीं हैं और सरकार बनाने के लिए एनपीएफ के साथ वापस जाने का प्रश्न ही नहीं उठता है, हम एनडीपीपी के साथ जाएंगे.’’
जब उनसे पूछा गया कि निवर्तमान मुख्यमंत्री टी आर जेलियांग को गठबंधन तोड़ने के संबंध में कोई आधिकारिक पत्र दिया गया था तो सरमा ने कहा, “ राजनीति में हम बहुत ज्यादा पत्रों के जरिए नहीं चलते हैं, राजनीति संकेतों से चलती है और हम जेलियांग को काफी संकेत दे रहे हैं कि हम एनपीएफ के साथ दोस्ती नहीं कर सकते हैं.”
गौरतलब है कि एनडीपीपी का गठन 27 फरवरी के चुनाव से ठीक पहले हुआ था और तब के एनपीएफ नेता नीफियू रियो इसके अध्यक्ष बने थे. भाजपा नेता ने कहा, “ हम( भाजपा और एनडीपीपी) दोनों पार्टियों की सरकार में प्रतिनिधित्व और संरचना पर काफी बातचीत कर चुके हैं. रियो के द्वारा कुछ समय में इसका खुलासा किया जाएगा.”
रियो ने बाद में बताया कि भाजपा और एनडीपीपी के बीच समझौते की जानकारियों का खुलासा अभी नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि गठबंधन का नाम पीपल्स डेमोक्रेटिक गठबंधन रखा जाएगा.
गौरतलब है कि 60 सदस्यीय नगालैंड में विधानसभा में चुनाव पूर्व हुए गठबंधन में भारतीय जनता पार्टी और एनडीपीपी बहुमत के बेहद करीब पहुंच गया, लेकिन 2 सीट कम रह गई. राज्य में सरकार बनाने के लिए 31 विधायकों का समर्थन चाहिए था, जबकि गठबंधन के पास 59 में से 29 विधायक ही थे. लेकिन रविवार को राज्यपाल पीबी आचार्य से मिलकर इस गठबंधन ने 32 विधायकों के समर्थन का पत्र सौंपकर सरकार बनाने का दावा कर दिया.