नगालैंड में भाजपा गठबंधन की सरकार बनाने की दिशा में अग्रसर है. वह त्रिपुरा के बाद नगालैंड में भी अपने गठबंधन की सरकार बनाने की तैयारी में है. एनपीएफ से कड़ी टक्कर के बाद भी बीजेपी को अपनी सरकार बनाने में कोई दिक्कत नहीं आएगी क्योंकि उसे निर्दलीय और जेडीयू का समर्थन मिल गया है. अंतिम परिणाम में बीजेपी को 12 सीटों पर, NDPP को 17, NPF को 27, NPP को 2, जेडीयू को 1 और निर्दलीय को 1 सीट पर जीत हासिल हुई है.
भाजपा संसदीय बोर्ड की शाम में हुई बैठक में यह विश्वास जताया गया कि पार्टी नगालैंड और मेघालय में भी सरकार बनाएगी. भाजपा ने दावा किया कि उसे दोनों राज्यों में सहयोगियों के साथ पूर्ण बहुमत है.
शनिवार को मिली जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने भाजपा कार्यकर्ताओं से कहा कि अब उनका लक्ष्य कर्नाटक, केरल, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में सत्ता हासिल करना होना चाहिए.
एनडीपीपी का गठन पिछले साल ही हुआ था. पार्टी मुख्यतः नगा पीपल्स फ्रंट के विद्रोही नेताओं व विधायकों की है, जिन्होंने नगालैंड के पूर्व मुख्यमंत्री नेफियू रियो का समर्थन किया है. जनवरी 2018 में नगा पीपल्स फ्रंट के भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन तोड़ने के बाद नेफियू रियो ने पार्टी का दामन थाम लिया. इसी महीने एनपीएफ के 10 विधायकों ने भी पार्टी का दामन थाम लिया. अब एनडीपीपी का भाजपा के साथ गठबंधन है.
नगालैंड में हुए मतदान के दिन शुरुआत में ही हिंसा शुरू हो गई. पोलिंग पार्टियों पर हमले किए गए. वोटिंग से पहले नगालैंड के मुख्यमंत्री टीआर जेलियांग ने कहा था कि हम उम्मीद करते हैं कि चुनाव शांतिपूर्ण संपन्न होगा और हमको स्पष्ट बहुमत हासिल होगा, जबकि वोटिंग के दौरान नगालैंड के तिजित टाउन विधानसभा क्षेत्र के एक मतदान केंद्र में धमाका हो गया था. तिजित जिले के एक मतदान केंद्र पर हुए देसी बम धमाके में एक व्यक्ति घायल हो गया था.
साल 1963 में नगालैंड के अस्तित्व में आने के बाद कांग्रेस ने तीन मुख्यमंत्री दिए. लेकिन वह अब केवल 18 सीटों पर लड़ रही है, जबकि बीजेपी यहां 20 सीटों पर खड़ी है. फिलहाल यहां नगा पीपल्स फ्रंट की सरकार है.
पिछले चुनाव (2013) में एनपीएफ को 38, कांग्रेस को 8, बीजेपी को 1, एनसीपी को 4 सीटें मिली थीं. जबकि 8 निर्दलीय प्रत्याशी जीतकर आए थे.